हरियाणा में आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज में लापरवाही पर निजी अस्पतालों को चेतावनी

सरकार की सख्त चेतावनी
हरियाणा सरकार ने निजी अस्पतालों को चेतावनी दी है कि यदि वे आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज करने से मना करते हैं, तो उन्हें पैनल से बाहर किया जा सकता है। राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) के सीईओ संगीता तेतरवाल ने कहा कि यदि अस्पतालों के खिलाफ ऐसी शिकायतें मिलीं, तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
इसके अलावा, ऐसे अस्पतालों के लाइसेंस को निलंबित करने की कार्रवाई भी की जा सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य सेवाएं निलंबित करने का कोई उचित कारण नहीं है।
निजी अस्पतालों का विरोध
दूसरी ओर, प्रदेश के निजी अस्पतालों ने लगातार दूसरे दिन मरीजों का इलाज नहीं किया। किसी भी जिले में ऑपरेशन नहीं हुए। डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की हरियाणा शाखा के आह्वान पर बकाया भुगतान की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है।
उन्होंने सभी 22 जिलों में अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं।
जायज मांगों का समाधान
एसएचए ने बताया कि आईएमए और पैनल में शामिल अस्पतालों की कई जायज मांगों पर विचार किया गया है और उनका समाधान किया गया है। आईएमए के सदस्यों और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों को राज्य पैनल समिति और जिला शिकायत निवारण समितियों में शामिल किया गया है।
साथ ही, उनके नवीनतम पैकेज की भी स्वीकृति दी गई है।
पूर्व-अधिकृत क्लेम की जानकारी
स्टेट हेल्थ एजेंसी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं निलंबित करने का कोई उचित कारण नहीं है, क्योंकि उनकी सभी मांगों का समाधान किया जा चुका है। कई अस्पतालों ने यह भी बताया कि वे आईएमए के आह्वान में शामिल नहीं हो रहे हैं।
सरकार ने यह भी दावा किया है कि 7 अगस्त को निजी अस्पतालों से 2.5 करोड़ रुपये के पूर्व-अधिकृत क्लेम प्राप्त हुए हैं।
हड़ताल का दावा
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय महाजन ने कहा कि राज्य के सभी निजी अस्पताल हड़ताल में शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार जानबूझकर भ्रम फैला रही है। केवल उन मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जिन्हें पहले से तारीख दी गई थी।