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हरियाणा में कफ सिरप की जांच: स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने दी जानकारी

हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग कफ सिरप की गुणवत्ता की जांच कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने बताया कि यदि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित उत्पाद पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में किसी कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल की मिलावट नहीं पाई गई है। यह कदम मध्य प्रदेश में हुई बच्चों की मौत के बाद उठाया गया है। जानें और क्या जानकारी दी गई है इस विषय पर।
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हरियाणा में कफ सिरप की जांच: स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने दी जानकारी

हरियाणा में कफ सिरप की जांच


हरियाणा में कफ सिरप की जांच की जा रही है
स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने बताया कि हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग कफ सिरप की गुणवत्ता की जांच करवा रहा है। यदि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित उत्पाद पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह जानकारी उन्होंने पंचकूला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी।


आरती राव ने कहा कि वर्तमान में सभी कफ सिरप सुरक्षित पाए गए हैं। हालांकि, यदि भविष्य में कोई समस्या सामने आती है, तो दवा को बैन किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हरियाणा में किसी भी कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल की मिलावट नहीं पाई गई है।


मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से 17 बच्चों की मृत्यु के मामले के बाद, पंजाब सरकार ने इस सिरप की बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी थी।


स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिस ब्रांड और साल्ट की चर्चा हो रही है, वह हरियाणा सरकार द्वारा नहीं खरीदी जा रही है। हम इसकी उत्पत्ति की जांच कर रहे हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि हम ऐसे कफ सिरप का चयन न करें। बिना मिलावट वाले साल्ट में कोई समस्या नहीं है, लेकिन हम सतर्क रहेंगे।


पंजाब में बैन का कारण

पंजाब में सभी खुदरा विक्रेताओं, वितरकों, पंजीकृत चिकित्सकों, अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा संस्थानों को इस उत्पाद की खरीद, बिक्री या उपयोग से रोका गया है। यदि राज्य में इसका कोई स्टॉक पाया जाता है, तो इसकी सूचना खाद्य एवं औषधि प्रशासन को दी जाएगी। तमिलनाडु में बनी इस सिरप को डायथिलीन ग्लाइकॉल की मिलावट के कारण बैन किया गया है।