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हरियाणा में तंबाकू उत्पादों पर एक साल का प्रतिबंध, कैंसर के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर

हरियाणा में कैंसर के मामलों में चिंताजनक वृद्धि के चलते, राज्य सरकार ने गुटखा, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों पर एक साल का प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य प्रदेशवासियों, विशेषकर युवाओं को इन हानिकारक उत्पादों से बचाना है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इन उत्पादों में मौजूद हानिकारक रसायन कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं। जानें इस निर्णय के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभाव।
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हरियाणा में तंबाकू उत्पादों पर एक साल का प्रतिबंध, कैंसर के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर

हरियाणा सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय

चंडीगढ़: हरियाणा में कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि को देखते हुए, राज्य सरकार ने गुटखा, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इन उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है।


सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


यह निर्णय प्रदेश में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में हर साल लगभग 35,000 नए कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं, और हर महीने लगभग 1,500 लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की जांच में प्रति 1 लाख में से 102 व्यक्तियों में कैंसर के लक्षण पाए गए हैं।


स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि गुटखा, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों में निकोटिन, भारी धातुएं और कई हानिकारक रसायन होते हैं, जो मुंह, गले और फेफड़ों के कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं।


हरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त ने जनहित में इन आदेशों को एक साल के लिए मंजूरी दी है। सरकार का उद्देश्य इस प्रतिबंध के माध्यम से प्रदेशवासियों, विशेषकर युवाओं को इन नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य खतरों से बचाना है।