हरियाणा में नए जिलों की योजना में देरी: जानें कारण और प्रभाव

हरियाणा में नए जिलों की योजना में देरी
हरियाणा में नए जिलों का निर्माण: तीन साल का इंतजार, कारण क्या है?: हरियाणा में नए जिलों का निर्माण फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। राज्य सरकार ने अगले तीन वर्षों तक नए जिलों के गठन पर कोई निर्णय न लेने का फैसला किया है।
इसका मुख्य कारण केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित जाति जनगणना (Caste Census) है। हांसी, गोहाना, और डबवाली जैसे क्षेत्रों को जिला बनाने की योजना थी, लेकिन अब इसके लिए 2027 या 2028 तक इंतजार करना होगा। आइए, इस देरी के कारणों और इसके प्रभावों पर चर्चा करें।
जाति जनगणना ने रोका रास्ता हरियाणा में नए जिलों के गठन में
हरियाणा सरकार ने नए जिलों के गठन के लिए एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया था। हालांकि, जून 2025 में इस समिति की कोई बैठक नहीं हुई। 30 जून को इस समिति का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। नए जिलों के गठन पर विचार अब जाति जनगणना के बाद ही किया जाएगा।
सैनी सरकार ने केवल हांसी (हिसार) और गोहाना (सोनीपत) पर चर्चा की थी। जनगणना के बिना प्रशासनिक और सामाजिक प्रभाव का सही आकलन करना कठिन है। इसलिए, यह निर्णय 2027 या 2028 तक टल गया है।
प्रस्तावित जिलों और उनकी स्थिति
हरियाणा में पांच नए जिलों के गठन की योजना थी, जिसमें हांसी (हिसार), डबवाली (सिरसा), असंध (करनाल), सफीदों (जींद), और गोहाना (सोनीपत) शामिल थे। हांसी और डबवाली पहले ही पुलिस जिले बन चुके हैं।
गुरुग्राम के मानेसर को भी जिला बनाने की मांग उठी, लेकिन दस्तावेजों की कमी के कारण यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका। इन क्षेत्रों के निवासी लंबे समय से जिला दर्जे की मांग कर रहे हैं, और देरी से स्थानीय लोग निराश हैं।
देरी का प्रभाव और भविष्य
हरियाणा में नए जिलों का न बनना प्रशासनिक सुविधाओं में सुधार को रोक रहा है। नए जिलों के गठन से स्थानीय स्तर पर सरकारी सेवाएं बेहतर हो सकती थीं, जिससे लोगों को तहसील और जिला मुख्यालय के लिए कम दूरी तय करनी पड़ती।
2027 में एक नई कैबिनेट उप-समिति का गठन होगा। तब तक जनता को धैर्य रखना होगा। सरकार से अपील है कि जनगणना के बाद त्वरित कार्रवाई की जाए। स्थानीय नेताओं और निवासियों से सुझाव लेकर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।