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हरियाणा में पूर्व विधायक पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप: ईडी की चार्जशीट

हरियाणा में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व विधायक राम निवास सुरजाखेड़ा और अन्य अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। ईडी की चार्जशीट में 225.51 करोड़ रुपये के घोटाले का जिक्र है, जिसमें सरकारी धन के गबन का आरोप है। जांच में सामने आया है कि HSVP के गुप्त खाते से 70 करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया। इस मामले ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है, और जनता पारदर्शिता की मांग कर रही है।
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हरियाणा में पूर्व विधायक पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप: ईडी की चार्जशीट

हरियाणा ईडी की चार्जशीट: पूर्व विधायक और अधिकारियों पर कार्रवाई

हरियाणा में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला: पूर्व विधायक राम निवास सुरजाखेड़ा सहित पांच लोगों के खिलाफ कार्रवाई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चंडीगढ़ में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) में हुए 225.51 करोड़ रुपये के घोटाले में पूर्व विधायक राम निवास सुरजाखेड़ा और तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारी सुनील कुमार बंसल समेत पांच व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।


यह मामला HSVP के बैंक खातों से सरकारी धन के गबन से संबंधित है। ईडी की जांच में यह सामने आया है कि 2015 से 2019 के बीच पीएनबी चंडीगढ़ में HSVP के एक गुप्त खाते से बिना किसी वैध कारण के 70 करोड़ रुपये कुछ विशेष पार्टियों को ट्रांसफर किए गए।


गुप्त खाते से करोड़ों का लेन-देन


(HSVP secret account) की जानकारी HSVP की आंतरिक जांच में उजागर हुई। यह खाता न तो कैश ब्रांच के रिकॉर्ड में था और न ही आईटी विंग के पास इसका कोई डेटा था। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह लेन-देन पूरी तरह से गुप्त रूप से किया गया था।


ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया कि इस धोखाधड़ी के पीछे राम निवास सुरजाखेड़ा और सुनील कुमार बंसल की मुख्य भूमिका रही। दोनों को दो महीने पहले गिरफ्तार किया गया था और अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को तेज किया गया है।


राजनीतिक हलचल और जांच की प्रगति


(ED arrests Haryana) के बाद हरियाणा की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि सरकारी धन के दुरुपयोग की गंभीरता को भी दर्शाता है। ईडी की टीम अब अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच कर रही है।


(HSVP corruption case) को लेकर जनता में भी नाराजगी है और पारदर्शिता की मांग उठ रही है। ईडी ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और जांच पूरी निष्पक्षता से की जाएगी।