हरियाणा में प्री-मॉनसून बारिश: 114% अधिक वर्षा की संभावना
हरियाणा में मौसम का बदलाव
हरियाणा में शनिवार को बारिश और आंधी ने मौसम को पूरी तरह से बदल दिया। दोपहर के समय काले बादल आसमान में छा गए, और तेज हवाओं के साथ बारिश ने 10 जिलों को प्रभावित किया। अंबाला, सोनीपत, कैथल, चरखी दादरी, हिसार, जींद, सिरसा, रेवाड़ी, फतेहाबाद और महेंद्रगढ़ में बारिश ने जनजीवन को बाधित कर दिया। मौसम विभाग ने 11 शहरों में तेज बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है। आइए, इस मौसमी परिवर्तन के प्रभाव और भविष्यवाणियों पर एक नज़र डालते हैं।
हिसार में बारिश और हादसे
हिसार में बारिश से पहले काली घटा छा गई, जिसने लोगों को चौंका दिया। सड़कों पर पानी भर गया और ठंडी हवाओं ने गर्मी से राहत दी। हालांकि, चरखी दादरी में स्थिति गंभीर हो गई, जहां बाढड़ा में तेज तूफान के दौरान एक चलती गाड़ी पर पेड़ गिर गया। गनीमत रही कि कार में सवार लोग सुरक्षित बच गए। इस घटना ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी। इसके अलावा, बिजली के खंभे टूटने से कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई। झज्जर, सोनीपत, रोहतक और फरीदाबाद में भी बादल छाए रहे और वहां बारिश की संभावना बनी हुई है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने शाम 7 बजे तक के लिए तूफान और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, रोहतक, सोनीपत, करनाल, जींद, पानीपत, कैथल, कुरुक्षेत्र और अंबाला में ऑरेंज अलर्ट है। इन क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश और ओले गिरने की आशंका है। मौसम वैज्ञानिकों ने लोगों से सावधानी बरतने की सलाह दी है, खासकर खुले में वाहन चलाने और पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचने के लिए। यह अलर्ट किसानों और सड़क यात्रियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
मानसून की रफ्तार
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल हरियाणा में बारिश सामान्य से 114% अधिक हो सकती है। औसतन 438 मिलीमीटर बारिश के मुकाबले 5-10% अतिरिक्त बारिश की उम्मीद है। पिछले 24 वर्षों में चार बार मानसून 100 से 124 दिनों तक रहा है, जैसे कि 2013 में 124 दिन। इस बार मानसून के समय से पहले आने की संभावना है, हालांकि यह विभिन्न मौसमी परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। जून में बारिश में कुछ कमी आ सकती है, लेकिन कुल मिलाकर अच्छी बारिश की उम्मीद है।
किसानों और आम लोगों के लिए सलाह
हरियाणा में बारिश और तूफान का असर किसानों पर भी पड़ सकता है। ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान का खतरा है। विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए उचित कदम उठाएं। आम लोगों को घरों में रहने और बिजली के उपकरणों का सावधानी से उपयोग करने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लेते हुए लोग अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें।