हरियाणा में बिजली दरों में वृद्धि: उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ी

हरियाणा में बिजली दरों में बदलाव
हरियाणा में बिजली दरों में वृद्धि: फिक्स चार्ज ने बिल में 30% तक की बढ़ोतरी की, उपभोक्ता चिंतित! हाल ही में हरियाणा में बिजली दरों में बदलाव ने उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। हरियाणा बिजली वितरण निगम (HBVN) ने स्लैब और फिक्स चार्ज में संशोधन किया है।
इस बदलाव के कारण बिजली बिल 12 से 30% तक बढ़ गए हैं। विशेष रूप से 5 किलोवाट से अधिक लोड वाले उपभोक्ताओं पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। कारोबारी और आम लोग इस वृद्धि से काफी परेशान हैं। आइए, नई दरों, उनके कारणों और प्रभावों को समझते हैं।
नई दरों का प्रभाव
हरियाणा में बिजली दरों में बदलाव का असर
हरियाणा में बिजली दरों में बदलाव के बाद नए स्लैब लागू किए गए हैं। पहले 0-50 यूनिट पर 2 रुपये और 501-800 यूनिट पर 7.10 रुपये प्रति यूनिट चार्ज था। अब 5 किलोवाट से अधिक लोड पर 6.45 से 7.50 रुपये प्रति यूनिट वसूला जा रहा है।
1 अप्रैल से फिक्स चार्ज भी लागू किया गया है। 301-500 यूनिट पर 50 रुपये प्रति किलोवाट और 500 यूनिट से अधिक पर 75 रुपये प्रति किलोवाट चार्ज किया जा रहा है। पहले मासिक न्यूनतम शुल्क (MMC) में से अधिक राशि देनी पड़ती थी, लेकिन अब बिल और फिक्स चार्ज दोनों का भुगतान करना होगा।
उपभोक्ताओं की चिंताएं
उपभोक्ताओं और कारोबारियों की चिंताएं
78% उपभोक्ता 2 किलोवाट तक लोड वाले हैं, जिनके बिल में कम बदलाव हुआ है। लेकिन 5 किलोवाट से अधिक लोड वाले उपभोक्ताओं के बिल में 12-30% की वृद्धि हुई है। उद्योगों के लिए LT और HT कनेक्शनों पर भी फिक्स चार्ज बढ़ा है। HT कनेक्शन पर चार्ज 165 रुपये प्रति kVA से बढ़कर 290 रुपये हो गया है।
इस बढ़ोतरी से कारोबारी और आम लोग चिंतित हैं। विपक्ष ने सरकार पर बिजली की दरें बढ़ाने का आरोप लगाया है। बिजली कंपनियों ने 4520.24 करोड़ रुपये के घाटे को इसका कारण बताया है।
सरकार का जवाब
सरकार का जवाब और सुझाव
ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने कहा कि बिजली दरों का निर्धारण विद्युत विनियामक आयोग द्वारा किया जाता है। आठ साल बाद फिक्स चार्ज और 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, जो घाटे को कम करने के लिए आवश्यक थी।
उपभोक्ताओं को सलाह दी गई है कि वे बिजली का उपयोग सोच-समझकर करें, ऊर्जा-बचत उपकरणों का उपयोग करें और बिल समय पर जमा करें। शिकायतों के लिए HBVN हेल्पलाइन पर संपर्क करें। यह वृद्धि चुनौतीपूर्ण है, लेकिन जागरूकता से बोझ को कम किया जा सकता है।