हाइब्रिड ओल खेती से किसानों को मिल रहा लाखों का लाभ

हाइब्रिड ओल खेती: एक नई उम्मीद
कृषि समाचार: हाइब्रिड ओल खेती से हो रहा लाखों का मुनाफा, जानें कैसे: बिहार के छपरा जिले में हाइब्रिड ओल की खेती किसानों के लिए एक नई आशा बन गई है। यह फसल पारंपरिक फसलों की तुलना में कम लागत में अधिक लाभ प्रदान करती है। किसान रणजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने इस बार विभाग से मुफ्त बीज लेकर खेती शुरू की है और अब पौधे उग आए हैं।
(ओल खेती बिहार) की यह किस्म देशी ओल से अधिक लाभकारी है क्योंकि इसे खाने पर मुंह में खुजली नहीं होती। एक ओल का वजन 15 से 20 किलो तक होता है और एक कट्ठे में 8 से 10 क्विंटल उपज प्राप्त होती है।
कम लागत, अधिक लाभ
कम खर्च में तैयार, ज्यादा मुनाफा: रणजीत सिंह ने बताया कि ओल लगाने में केवल ₹10 से ₹15 का खर्च आता है। वहीं, एक पौधे से ₹800 तक की कमाई हो जाती है। इसका मतलब है कि लागत के मुकाबले 10 गुना से अधिक लाभ होता है। (ओल खेती की लागत) बहुत कम है और इसे जैविक खाद से आसानी से उगाया जा सकता है।
बुवाई के समय एक ओल से 250–300 ग्राम का टुकड़ा काटकर लगाया जाता है। कुछ दिनों बाद गोबर से बनी जैविक खाद डालकर मिट्टी को समृद्ध किया जाता है। इसके बाद कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आता।
हर मिट्टी में उपज, हर किसान के लिए फायदेमंद
हर मिट्टी में उपज: इस फसल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे उन जमीनों पर भी उगाया जा सकता है जहां अन्य फसलें नहीं उगतीं। (ओल खेती जैविक विधि) से यह हर प्रकार की मिट्टी में अच्छी उपज देती है। यही कारण है कि किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर ओल की खेती की ओर बढ़ रहे हैं।
कृषि विभाग भी किसानों को प्रशिक्षण और मुफ्त बीज देकर प्रोत्साहित कर रहा है। यदि सही तकनीक का उपयोग किया जाए, तो यह फसल किसानों को आत्मनिर्भर बना सकती है।