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हाई कॉलेस्ट्रोल के लक्षण और स्वास्थ्य पर प्रभाव

हाई कॉलेस्ट्रोल एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो रक्त प्रवाह में रुकावट का कारण बन सकती है। इसके लक्षणों में सीने में दर्द, सांस फूलना, और थकान शामिल हैं। जानें कि कैसे पहचानें कि आपका कॉलेस्ट्रोल बढ़ गया है और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव क्या हो सकते हैं। इसके अलावा, जानें कि आपको क्या खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए।
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हाई कॉलेस्ट्रोल के लक्षण और स्वास्थ्य पर प्रभाव

हाई कॉलेस्ट्रोल के लक्षण

हाई कॉलेस्ट्रोल के लक्षण: शरीर को सही तरीके से कार्य करने के लिए कॉलेस्ट्रोल की आवश्यकता होती है। लेकिन जब कॉलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ जाता है, तो यह स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। कॉलेस्ट्रोल एक प्रकार का वसा है जो रक्त वाहिकाओं में जमा होने लगता है। इससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है, जिससे अंगों में दर्द और अन्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। उच्च स्तर का गंदा कॉलेस्ट्रोल (Bad Cholesterol) हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ा सकता है। इसलिए, बढ़ते कॉलेस्ट्रोल को समय पर पहचानना आवश्यक है। यहां हम हाई कॉलेस्ट्रोल के प्रारंभिक लक्षणों के बारे में जानेंगे।


हाई कॉलेस्ट्रोल के शुरुआती लक्षण


  • हाई कॉलेस्ट्रोल के कारण रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध हो सकती हैं, जिससे सीने में दर्द हो सकता है।

  • सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

  • थकान और कमजोरी का अनुभव बढ़ सकता है।

  • उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है।

  • गंदे कॉलेस्ट्रोल के बढ़ने से चेहरे पर पीले धब्बे दिखाई दे सकते हैं, जो आमतौर पर आंखों के पास होते हैं।


खून की नलियां बंद होने पर क्या होता है

वैस्कुलर सर्जन डॉ. सुमित कपाड़िया ने एक वीडियो में बताया है कि जब रक्त वाहिकाओं में गंदगी या कॉलेस्ट्रोल जमा होने लगता है, तो इसके लक्षण क्या होते हैं।



  • जब रक्त नलिकाएं बंद होती हैं, तो दिल तक रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे दिल में दर्द और घबराहट हो सकती है।

  • सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है, खासकर हल्की गतिविधियों के बाद।

  • उंगलियों का ठंडा होना भी रक्त नलिकाओं के बंद होने का संकेत हो सकता है।

  • अचानक वजन कम होना भी एक चेतावनी संकेत हो सकता है।

  • यदि रक्त प्रवाह कम हो जाता है, तो चोटें ठीक होने में अधिक समय ले सकती हैं।


हाई कॉलेस्ट्रोल होने पर क्या न खाएं

यदि आपको हाई कॉलेस्ट्रोल के लक्षण दिखाई देते हैं, तो कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना आवश्यक है। डॉ. कपाड़िया के अनुसार, इंस्टेंट नूडल्स, मैदे से बनी चीजें, तली-भुनी चीजें और मीठे डेजर्ट्स से बचना चाहिए।