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हाई ब्लड प्रेशर: मानसिक तनाव के कारण और नियंत्रण के उपाय

हाई ब्लड प्रेशर, जिसे 'साइलेंट किलर' कहा जाता है, मानसिक तनाव से जुड़ा हुआ है। यह समस्या तेजी से बढ़ रही है और इसके कई कारण हैं, जैसे अनियमित दिनचर्या, गलत खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे तनाव को कम किया जा सकता है और रक्तचाप को नियंत्रित रखा जा सकता है। जानें इसके उपाय और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं।
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हाई ब्लड प्रेशर: मानसिक तनाव के कारण और नियंत्रण के उपाय

हाई ब्लड प्रेशर: एक बढ़ती हुई समस्या

आजकल तकनीक ने लोगों के जीवन को आसान बनाया है, लेकिन इसके साथ ही कई स्वास्थ्य समस्याएं भी सामने आ रही हैं। इनमें से एक गंभीर समस्या है हाई ब्लड प्रेशर, जिसे धीरे-धीरे ‘साइलेंट किलर’ के रूप में पहचाना जा रहा है। इसका मुख्य कारण मानसिक तनाव है। जब तनाव लंबे समय तक बना रहता है, तो यह रक्तचाप को असंतुलित कर सकता है, जिससे किडनी, हृदय और आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी गई है।


तनाव के कारण

लंबा और लगातार तनाव: तनाव की स्थिति में शरीर ‘कॉर्टिसोल’ और ‘एड्रेनालिन’ जैसे हार्मोन का स्राव करता है, जो दिल की धड़कन और रक्तचाप को बढ़ाते हैं।


अनियमित दिनचर्या: नींद की कमी, अस्वस्थ खानपान, देर तक काम करना और आराम की कमी से शरीर थक जाता है, जिससे तनाव और उच्च रक्तचाप दोनों बढ़ते हैं।


गलत खानपान: अत्यधिक नमक, तले-भुने और प्रोसेस्ड फूड का सेवन रक्तचाप को प्रभावित करता है।


फिजिकल एक्टिविटी में कमी: नियमित व्यायाम न करने से रक्त संचार कमजोर होता है, जिससे तनाव का प्रभाव अधिक दिखाई देता है।


पर्सनल या प्रोफेशनल प्रॉब्लम: नौकरी का दबाव, रिश्तों में तनाव और वित्तीय समस्याएं मानसिक दबाव को बढ़ाने में सहायक होती हैं।


तनाव को कम करने के उपाय

ध्यान और प्राणायाम: रोजाना कम से कम 20 मिनट ध्यान और श्वास संबंधी व्यायाम करें, इससे मानसिक तनाव कम होगा और रक्तचाप नियंत्रित रहेगा।


फाइबर युक्त आहार: फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले उत्पादों का सेवन करें। नमक का सेवन सीमित करें।


डिजिटल डिटॉक्स: दिन में कुछ समय मोबाइल और स्क्रीन से दूर रहें। यह तनाव को काफी हद तक कम करता है।


पॉजिटिव सोच: छोटी-छोटी सफलताओं का जश्न मनाएं, खुद को समय दें और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें। इसके साथ ही पर्याप्त नींद लें।