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हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में पर्ची बनाने पर अब लगेगा शुल्क

हिमाचल प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में पर्ची बनाने की निशुल्क व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। अब प्रत्येक पर्ची के लिए 10 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। इसके साथ ही, 14 श्रेणियों के लिए निशुल्क डायग्नोस्टिक जांच सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने इस निर्णय के पीछे की वजहें बताई हैं, जिसमें रोगियों की सुविधा और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार शामिल है। जानें इस नई नीति के बारे में और इसके प्रभावों के बारे में।
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हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में पर्ची बनाने पर अब लगेगा शुल्क

हिमाचल में पर्ची शुल्क की नई व्यवस्था

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब पर्ची बनवाने के लिए शुल्क लिया जाएगा। राज्य सरकार ने प्रत्येक पर्ची के लिए 10 रुपये का शुल्क निर्धारित किया है। स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव द्वारा बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।


निशुल्क पर्ची की व्यवस्था समाप्त मंत्रिमंडल की उपसमिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसे अधिसूचना के माध्यम से लागू किया गया है। इसके अलावा, 26 मई से 14 विभिन्न श्रेणियों के लिए निशुल्क एक्सरे, ईसीजी और अल्ट्रासाउंड सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं। अब इन श्रेणियों के रोगियों को भी शुल्क चुकाना होगा। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक, स्वास्थ्य शिक्षा के निदेशक और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक को भी आदेशों की प्रति भेजी गई है।


राज्य सरकार ने यह निर्णय रोगी कल्याण समिति द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता को सुधारने के लिए लिया है, जिसमें स्वच्छता, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और उपकरणों के रखरखाव को मजबूत करना शामिल है। इस पर काफी समय से विचार चल रहा था और विधानसभा के बजट सत्र में भी यह मुद्दा उठाया गया था।


स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि निशुल्क पर्चियों को लोग संभालकर नहीं रखते, जिससे चिकित्सकों को कठिनाई होती है। यदि पर्ची के लिए 10 रुपये का शुल्क लिया जाएगा, तो लोग इसे संभालकर रखेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पीजीआई चंडीगढ़ में भी ऐसा शुल्क लिया जाता है।


स्वास्थ्य संस्थानों में 14 श्रेणियों को दी जाने वाली निशुल्क डायग्नोस्टिक जांच और एक्स-रे सेवाओं को वापस लेने का निर्णय लिया गया है। कैंसर और किडनी रोगी, गर्भवती महिलाएं, 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग, टीबी रोगी, दिव्यांग, मानसिक रोगी, जेल में बंद लोग, एनआरएचएम के लाभार्थी, निशुल्क दवा योजना के तहत आने वाले रोगी, आपदा पीड़ित, एचआईवी पॉजिटिव रोगी, बाल सुधार गृह के बच्चे, वृद्धाश्रम और अनाथालय में रहने वाले लोगों को भी एक्सरे के लिए 60 रुपये, अल्ट्रासाउंड के लिए 120 रुपये और ईसीजी के लिए 35 रुपये का शुल्क देना होगा। 14 श्रेणियों के लिए केवल तीन टेस्ट के लिए शुल्क लगेगा, जबकि अन्य 133 टेस्ट पहले की तरह निशुल्क रहेंगे। अन्य रोगियों को पहले से ही शुल्क चुकाना पड़ रहा है।