हिमाचल प्रदेश में मूसलधार बारिश से तबाही, 48 घंटे का रेड अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर
हिमाचल प्रदेश के निवासियों के लिए बीती रात एक बुरे सपने की तरह रही। मंडी जिले में हुई मूसलधार बारिश ने स्थिति को गंभीर बना दिया, जहां ब्यास नदी और अन्य नालों ने रिहायशी क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई। इस बारिश ने न केवल घरों और सड़कों को प्रभावित किया, बल्कि लोगों की नींद और सुरक्षा को भी छीन लिया।करसोग, धरमपुर, पंडोह और थुनाग जैसे क्षेत्रों में पानी ने कई घरों को डुबो दिया। करसोग के मेगली गांव में एक उफनता नाला अचानक बस्तियों में घुस गया, जिससे लगभग आठ घरों को नुकसान हुआ और दो दर्जन से अधिक वाहन पानी में बह गए। थुनाग में सड़कें नालों जैसी दिखने लगीं, जिससे लोग रातभर अपनी छतों पर बिताने को मजबूर हो गए।
धरमपुर में स्थिति और भी गंभीर थी, जहां नदी का जलस्तर सामान्य से 20 फीट ऊपर पहुंच गया और पूरा बाजार जलमग्न हो गया। पंडोह के निवासियों को आधी रात को अपने घरों से भागना पड़ा। प्रशासन ने राहत कैंप स्थापित कर प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
यह संकट केवल मंडी तक सीमित नहीं रहा। भारी बारिश और भूस्खलनों के कारण पूरे प्रदेश में 129 से अधिक सड़कों को बंद कर दिया गया है, जिसमें चंडीगढ़-शिमला हाईवे जैसी महत्वपूर्ण सड़कें भी शामिल हैं। रेल सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं, और शिमला-कालका हेरिटेज रेल लाइन कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है।
शिमला के पास भट्टाकुफर में एक पांच मंजिला इमारत की नींव में पानी रिसने के कारण वह गिर गई, लेकिन राहत की बात यह रही कि इमारत को समय पर खाली करा लिया गया था। सोलन, बिलासपुर और शिमला के निचले क्षेत्रों में जलभराव और बिजली कटौती ने लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों में अगले 48 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की आशंका है। धर्मशाला, सोलन और कुल्लू के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, 7 जुलाई तक प्रदेश में तेज हवाओं और गरज के साथ भारी बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और बिना आवश्यकता यात्रा न करने की अपील की है।