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हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर: बादल फटने से भारी नुकसान

हिमाचल प्रदेश में हाल ही में मॉनसून ने गंभीर तबाही मचाई है, जिसमें कई क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। कुल्लू, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और शिमला में भारी नुकसान हुआ है, लेकिन जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है और मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जानें इस स्थिति में सेना की भूमिका और नुकसान का आकलन क्या है।
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हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर: बादल फटने से भारी नुकसान

हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का विनाशकारी प्रभाव

शिमला: हिमाचल प्रदेश में हाल ही में मॉनसून ने गंभीर तबाही मचाई है। बीती रात राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाओं ने व्यापक नुकसान पहुंचाया है। कुल्लू, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और शिमला के आसपास के इलाकों में कई पुल, वाहन, घर और दुकानें बह गईं, जिससे सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भारी क्षति हुई है। राहत की बात यह है कि इन घटनाओं में किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। प्रशासन ने दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 325 सड़कों को बंद कर दिया है और राहत कार्यों को तेज कर दिया है।


तबाही के स्थान

कुल्लू-शिमला: कुल्लू के बंजार और शिमला के रामपुर उपमंडल में बादल फटने से सबसे अधिक नुकसान हुआ। बंजार घाटी में कई घरों को नुकसान पहुंचा, पांच गाड़ियां बह गईं और दो पुलिया टूट गईं। रामपुर के पंद्रह बीस क्षेत्रों में नंटी खड्ड में बाढ़ के कारण चार पुल, दो मकान, पांच दुकानें और सेब के बगीचे बह गए। यहां एक एंबुलेंस और एचआरटीसी की बस भी बाढ़ में फंस गई, जिससे तीन पंचायतों का संपर्क पूरी तरह से कट गया।


किन्नौर में बाढ़ का कहर

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर की ऋषि डोगरी घाटी में बादल फटने से आई बाढ़ ने सतलुज नदी पर बने एक महत्वपूर्ण पुल को बहा दिया। इस घटना में एक व्यक्ति घायल हो गया। सतलुज का जलस्तर बढ़ने के कारण करछम वांगतु और नाथपा बांध के गेट खोलने पड़े हैं।


लाहौल-स्पीति में खतरा

लाहौल-स्पीति: लाहौल-स्पीति की मयाड़ घाटी में बादल फटने से करपट गांव खतरे में आ गया है, जिसके चलते प्रशासन ने गांव के लगभग दो दर्जन परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।


मौसम विभाग की चेतावनी और स्कूलों की छुट्टी

मौसम विभाग: मौसम विभाग ने चम्बा, कांगड़ा और मंडी जिलों के लिए भारी बारिश का 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है। शुक्रवार से रविवार के लिए 'येलो अलर्ट' भी जारी किया गया है। खतरे को देखते हुए कुल्लू जिले के बंजार, मंडी के गोहर, शिमला के जुब्बल और ऊना जिले में सभी शिक्षण संस्थानों में आज अवकाश घोषित कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों के पास न जाने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।


सेना की राहत कार्य में भागीदारी

सेना का योगदान: किन्नौर के होजिस लुंगपा नाले में आई बाढ़ के बाद भारतीय सेना ने राहत और बचाव कार्य संभाल लिया है। सेना के जवान लॉजिस्टिक्स ड्रोन (LDHA) की मदद से रात भर फंसे लोगों तक खाने-पीने का सामान पहुंचा रहे हैं। सेना ने फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और घायल व्यक्ति को इलाज के लिए रिकांग पियो के क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कराया।


मॉनसून में नुकसान का आंकड़ा

नुकसान का आकलन: अधिकारियों के अनुसार, 20 जून को मॉनसून की शुरुआत से अब तक हिमाचल प्रदेश को 2031 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। बारिश से संबंधित घटनाओं में अब तक 126 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 36 लोग अभी भी लापता हैं। इस सीजन में अब तक 63 अचानक बाढ़, 31 बादल फटने और 57 बड़े भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं।