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हेल्थ इंश्योरेंस पर GST हटने से बढ़ी मांग: 38% की वृद्धि

हाल ही में सरकार द्वारा लागू किए गए GST सुधारों का हेल्थ इंश्योरेंस पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, हेल्थ इंश्योरेंस योजनाओं की मांग में 38% की वृद्धि हुई है। ग्राहक अब अधिक कवरेज और सुरक्षा की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे औसत कवरेज ₹13 लाख से बढ़कर ₹18 लाख हो गया है। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों में उच्च कवरेज योजनाओं की मांग भी बढ़ी है। जानें इस बदलाव के पीछे के कारण और इसके प्रभाव के बारे में।
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हेल्थ इंश्योरेंस पर GST हटने से बढ़ी मांग: 38% की वृद्धि

GST के प्रभाव से हेल्थ इंश्योरेंस की मांग में वृद्धि


हाल ही में सरकार द्वारा लागू किए गए GST सुधारों का सकारात्मक प्रभाव अब बीमा क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है। जैसे रियल एस्टेट, ऑटो और MSME क्षेत्रों को लाभ मिला, उसी तरह बीमा उद्योग को भी फायदा हुआ है। हेल्थ इंश्योरेंस पर GST हटने के बाद, उपभोक्ताओं की रुचि में तेजी से वृद्धि हुई है।


एक अध्ययन के अनुसार, GST समाप्त होने के बाद हेल्थ इंश्योरेंस योजनाओं की मांग में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लोग अब ऐसे योजनाओं का चयन कर रहे हैं जो अधिक सुरक्षा प्रदान करती हैं।


हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज में वृद्धि

रिपोर्ट के अनुसार, पहले औसत हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज ₹13 लाख तक सीमित था, लेकिन अब यह बढ़कर लगभग ₹18 लाख हो गया है। इसका अर्थ है कि ग्राहक अब केवल बुनियादी कवरेज नहीं, बल्कि व्यापक वित्तीय कवरेज का चयन कर रहे हैं। स्वास्थ्य देखभाल की बढ़ती लागत और अस्पतालों के खर्चों को देखते हुए, लोग दीर्घकालिक सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।


लोकप्रिय हेल्थ इंश्योरेंस योजनाएं

GST हटने के बाद, सबसे लोकप्रिय हेल्थ इंश्योरेंस योजनाएं वे बन गई हैं जो ₹15 लाख से ₹25 लाख तक का कवरेज प्रदान करती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 45 प्रतिशत ग्राहक अब इसी रेंज के योजनाओं का चयन कर रहे हैं। वहीं, 24 प्रतिशत लोग ₹10 लाख से ₹15 लाख तक के कवरेज वाले योजनाओं का चयन कर रहे हैं, और केवल 18 प्रतिशत लोग ₹10 लाख से कम कवरेज वाले विकल्प चुन रहे हैं। यह स्पष्ट है कि लोग अब छोटे कवरेज के बजाय बेहतर और दीर्घकालिक सुरक्षा की ओर बढ़ रहे हैं।


इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स समाप्त

केंद्र सरकार ने 22 सितंबर, 2025 से हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। यह निर्णय टैक्स दर को संतुलित करने और सामान्य उपभोक्ताओं के लिए बीमा योजनाओं को अधिक किफायती बनाने के उद्देश्य से लिया गया था। अब बीमा प्रीमियम पर कोई टैक्स नहीं लगता, जिससे ग्राहकों पर वित्तीय बोझ कम हुआ है और बीमा की पहुंच तेजी से बढ़ रही है।


उम्रदराज लोगों में उच्च कवरेज योजनाओं की मांग

रिपोर्ट के अनुसार, उच्च कवरेज इंश्योरेंस योजनाओं की मांग न केवल मेट्रो शहरों में बल्कि टियर-2 और छोटे शहरों में भी बढ़ी है। इन शहरों में, 15 से 25 लाख रुपये के कवरेज वाले योजनाओं का हिस्सा 44.1 प्रतिशत से बढ़कर 48.6 प्रतिशत हो गया है। इस बीच, 10 लाख रुपये से कम कवरेज वाले योजनाओं का हिस्सा घटकर 16.8 प्रतिशत हो गया है।


इसके अलावा, 61 से 75 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में उच्च कवरेज योजनाओं की मांग में 11.54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसका मतलब है कि वरिष्ठ नागरिक अब बढ़ते चिकित्सा खर्चों से खुद को बचाने के लिए अधिक कवरेज वाली योजनाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं।