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अग्निवीरों के लिए BSF में भर्ती में 50% आरक्षण का ऐलान

केंद्र सरकार ने अग्निवीर योजना के तहत सेवा दे चुके युवाओं के लिए BSF में भर्ती में 50% आरक्षण का ऐलान किया है। यह निर्णय पूर्व अग्निवीरों के लिए स्थायी करियर के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नए नियमों के तहत आयु सीमा में छूट और भर्ती प्रक्रिया के चरणों की जानकारी भी दी गई है। जानें इस निर्णय के पीछे की वजह और इससे युवाओं को कैसे लाभ होगा।
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अग्निवीरों के लिए BSF में भर्ती में 50% आरक्षण का ऐलान

महत्वपूर्ण निर्णय


नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अग्निवीर योजना के तहत सेवा देने वाले युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। लंबे समय से यह चर्चा चल रही थी कि चार साल की सेवा के बाद अग्निवीरों का भविष्य क्या होगा।


सरकार के इस नए निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि पूर्व अग्निवीरों को सुरक्षा बलों में रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। यह कदम उनके लिए स्थायी करियर की संभावनाएं खोलने वाला माना जा रहा है।


BSF भर्ती नियमों में परिवर्तन

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल में कांस्टेबल भर्ती से संबंधित नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। यह परिवर्तन BSF जनरल ड्यूटी कैडर के भर्ती नियम 2015 में संशोधन के माध्यम से किया गया है। सरकार का मानना है कि इससे प्रशिक्षित और अनुशासित युवाओं को बल में शामिल होने का अवसर मिलेगा।


आयु सीमा और शारीरिक परीक्षण में छूट

सरकार की अधिसूचना के अनुसार, पहले बैच के पूर्व अग्निवीरों को अधिकतम आयु सीमा में पांच साल तक की छूट दी जाएगी। अन्य पूर्व अग्निवीरों को तीन साल की आयु छूट मिलेगी। इसके अलावा, शारीरिक मानक परीक्षण और शारीरिक दक्षता परीक्षण में भी विशेष छूट का प्रावधान किया गया है, ताकि उन्हें भर्ती प्रक्रिया में अतिरिक्त सहूलियत मिल सके।


भर्ती प्रक्रिया के चरण

अधिसूचना में बताया गया है कि पहले चरण में नोडल फोर्स पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित 50 प्रतिशत रिक्तियों पर भर्ती करेगी। दूसरे चरण में कर्मचारी चयन आयोग बाकी 47 प्रतिशत रिक्तियों के लिए भर्ती करेगा, जिसमें 10 प्रतिशत पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित होंगी। पहले चरण में बची रिक्तियों को भी इसी प्रक्रिया में भरा जाएगा।


अग्निवीर योजना पर उठते रहे हैं सवाल

अग्निवीर योजना लागू होने के बाद से ही विपक्ष और कई संगठनों ने चार साल की सेवा के बाद नौकरी की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे। युवाओं में भी इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। सरकार का यह निर्णय इन चिंताओं को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


जून में किया गया था महत्वपूर्ण संशोधन

इस साल जून में केंद्र सरकार ने कार्य आवंटन नियम 1961 में संशोधन किया था। इसके तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय को सशस्त्र बलों में चार साल की सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों के भविष्य और उनके पुनर्वास से जुड़ी गतिविधियों के समन्वय की जिम्मेदारी दी गई थी। अब BSF में बढ़ा हुआ कोटा उसी दिशा में अगला कदम माना जा रहा है।