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कर्मचारियों की नौकरी बदलने की प्रवृत्ति में तेजी, नई रिपोर्ट में खुलासा

एक नई रिपोर्ट में यह सामने आया है कि टेक कंपनियों में छंटनी के बावजूद, कर्मचारी अब एक ही जगह लंबे समय तक नहीं टिकना चाहते। मानसिक शांति, लचीले कार्य मॉडल, और बेहतर टीम सहयोग की चाह में, 62% कर्मचारी नए अवसरों की तलाश में हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हेल्थकेयर और फार्मा सेक्टर में 81% कर्मचारी एक साल के भीतर नौकरी बदलने के मूड में हैं। जानें इस बदलाव के पीछे के कारण और नई पीढ़ी की सोच।
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कर्मचारियों की नौकरी बदलने की प्रवृत्ति में तेजी, नई रिपोर्ट में खुलासा

नई दिल्ली में नौकरी छोड़ने की बढ़ती प्रवृत्ति


नई दिल्ली: टेक्नोलॉजी कंपनियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग के साथ, छंटनी का सिलसिला जारी है। बड़ी कंपनियाँ जैसे TCS, Intel, Apple, और Amazon अपने कर्मचारियों की संख्या में कमी कर रही हैं। लेकिन इस समय एक और महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है- कर्मचारी अब एक ही स्थान पर लंबे समय तक रहने की इच्छा नहीं रखते। हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि नौकरी छोड़ने का निर्णय केवल उच्च वेतन की चाह से नहीं हो रहा है।


कर्मचारी अब मानसिक स्वास्थ्य, लचीले कार्य मॉडल, और बेहतर टीम सहयोग को प्राथमिकता दे रहे हैं। यही कारण है कि नौकरी बदलना अब मजबूरी से अधिक पसंद बनता जा रहा है।


नौकरी बदलने की तैयारी रिकॉर्ड स्तर पर

ग्रेट प्लेस टू वर्क द्वारा की गई हालिया अध्ययन के अनुसार, 62% कर्मचारी नए अवसरों की तलाश में हैं। इनमें से 70% ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि उन्हें सही विकल्प मिला, तो वे एक साल के भीतर अपनी वर्तमान कंपनी छोड़ देंगे। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है क्योंकि पहले कर्मचारी स्थिरता को प्राथमिकता देते थे, लेकिन अब उनकी सोच में बदलाव आ रहा है।


कुछ ही लोग टिके रहना चाहते हैं

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि केवल 26% कर्मचारी एक साल से अधिक समय तक अपनी वर्तमान भूमिका में बने रहना चाहते हैं। 4% लोग अभी तक किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचे हैं, जबकि 70% बदलाव के लिए तैयार हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तेजी से बदलते बाजार और नई कौशलों की मांग ने कर्मचारियों को यह विश्वास दिलाया है कि नई शुरुआत कठिन नहीं, बल्कि आवश्यक हो सकती है।


हेल्थ और फार्मा सेक्टर में बदलाव की लहर

हेल्थकेयर, बायोटेक, और फार्मा सेक्टर में 81% कर्मचारी एक साल के भीतर नौकरी बदलने के मूड में हैं। इस बदलाव में युवा पेशेवरों की संख्या सबसे अधिक है। इन क्षेत्रों में काम का दबाव, शिफ्ट सिस्टम, और मानसिक थकान प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। यही वजह है कि कर्मचारी जल्दी बदलाव को प्राथमिकता दे रहे हैं, ताकि वे बेहतर वातावरण में काम कर सकें।


नई पीढ़ी के साहसी फैसले

अध्ययन में 76% जेन Z और 68% मिलेनियल्स ने स्वीकार किया कि वे 12 महीनों के भीतर नौकरी बदल सकते हैं। यह पीढ़ी काम में उद्देश्य, सम्मान, और स्वतंत्रता को अधिक महत्व देती है। वे ऐसी कंपनियों की तलाश में हैं जहां उनकी आवाज सुनी जाए और निर्णयों में भागीदारी मिले। भले ही वेतन महत्वपूर्ण हो, लेकिन यह अकेला कारण नहीं रह गया है। काम में संतोष अब सबसे बड़ा कारक बन गया है।


वर्क-कल्चर का महत्व

लगभग 66% कर्मचारियों ने कहा कि वे सकारात्मक कार्य संस्कृति, लचीलापन, और संतुलित जीवन की चाह में नौकरी छोड़ सकते हैं, भले ही वेतन कम हो। कार्य-जीवन संतुलन बिगड़ना, प्रबंधन से संवाद की कमी, और बढ़ता तनाव बदलाव के मुख्य कारण हैं। सीनियर कर्मचारी भी इसी बदलाव की दिशा में बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं, जो इस प्रवृत्ति को और मजबूत करता है।