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पंजाब में 'वतन वापसी' का नया अध्याय: भगवंत मान सरकार का युवाओं के लिए बड़ा कदम

पंजाब में भगवंत मान सरकार की 'वतन वापसी' योजना ने युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। पहले विदेश जाने की सोच रखने वाले युवा अब अपने राज्य में करियर बनाने की ओर अग्रसर हैं। इस पहल ने न केवल आर्थिक निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि युवाओं का विश्वास भी पुनर्जीवित किया है। जानें कैसे यह योजना पंजाब के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और युवाओं के लिए सफलता का नया प्रतीक बन रही है।
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पंजाब में 'वतन वापसी' का नया अध्याय: भगवंत मान सरकार का युवाओं के लिए बड़ा कदम

पंजाब के युवाओं की विदेश जाने की प्रवृत्ति में बदलाव

पंजाब के युवा लंबे समय से विदेश जाने को सफलता का प्रतीक मानते थे। कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की ओर उनकी नजरें थीं, जिसके चलते पासपोर्ट और वीजा कार्यालयों के बाहर लंबी कतारें देखने को मिलती थीं। इस प्रवृत्ति ने पंजाब में 'ब्रेन ड्रेन' या प्रतिभा पलायन की समस्या को जन्म दिया। लेकिन भगवंत मान सरकार के सत्ता में आने के बाद इस दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला है। उनकी सरकार ने 'वतन वापसी' की अवधारणा को बढ़ावा दिया, जो केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि युवाओं के खोए हुए विश्वास को पुनः स्थापित करने का प्रतीक है.


युवाओं के लिए रोजगार के अवसर

सत्ता में आने से पहले 'वतन वापसी' का नारा


विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से 30 जून 2025 के बीच पंजाब में औसतन रोजाना लगभग 1,978 पासपोर्ट के आवेदन आए, जो पिछले कई वर्षों में सबसे कम है। इसका मुख्य कारण भगवंत मान सरकार की युवा-केंद्रित नीतियां और 50,000 से अधिक सरकारी नौकरियों का वितरण है। आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले 'वतन वापसी' का नारा दिया था और अब इसे वास्तविकता में बदल दिया गया है। इसी अवधि में 3.5 लाख पासपोर्ट बने हैं। यदि यह गति बनी रही, तो वर्ष के अंत तक यह संख्या लगभग 7.5 लाख तक पहुंच सकती है, जो पिछले दस वर्षों में सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है.


एनआरआई समुदाय के लिए विशेष पहल

'एनआरआई मिलनी' और विशेष डेस्क


भगवंत मान सरकार ने एनआरआई (अनिवासी भारतीय) समुदाय के लिए 'एनआरआई मिलनी' और विशेष डेस्क जैसी पहल शुरू की है, जिससे उन्हें यह संदेश मिला कि सरकार उनके साथ है। इससे न केवल आर्थिक निवेश बढ़ा, बल्कि एनआरआई युवाओं का पंजाब लौटने और राज्य के विकास में योगदान देने का विश्वास भी मजबूत हुआ.


युवाओं का विश्वास लौटाना

आम आदमी पार्टी ने पंजाब में राजनीति में प्रवेश करते समय युवाओं के मुद्दों को प्राथमिकता दी थी। उनका नारा था: 'भ्रष्टाचार खत्म होगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा।' भगवंत मान सरकार ने इसे साबित किया कि वादे केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि पूरे करने के लिए भी होते हैं. सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर अंकुश ने युवाओं का भरोसा वापस जगाया.


पंजाब का गौरव लौटाना

इन प्रयासों का सीधा असर युवाओं की सोच पर दिख रहा है। पहले जो विदेश जाने का विचार कर रहे थे, वे अब पंजाब में ही अपने करियर बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। 'वतन वापसी' न केवल विदेश लौटे युवाओं की कहानी है, बल्कि उन युवाओं की भी है जिन्होंने पंजाब में ही रुकने का निर्णय लिया. यह पहल पंजाब के खोए हुए गौरव को वापस लाने और राज्य में 'रिवर्स माइग्रेशन' की प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.


भगवंत मान सरकार ने सिर्फ युवाओं को लौटने के लिए प्रेरित नहीं किया, बल्कि उनके सपनों और भरोसे को भी पुनर्जीवित किया है। यह 'वतन वापसी' पंजाब के लिए नए और सुनहरे भविष्य की नींव रख रही है और राज्य की पहचान को पुनः परिभाषित करने का प्रयास है. युवा अब अपनी मिट्टी में काम करना और अपने लोगों के बीच जीवन यापन करना सफलता का प्रतीक मान रहे हैं.