बिहार में वोटर लिस्ट से अवैध प्रवासियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू

बिहार वोटर लिस्ट प्रमाण:
बिहार वोटर लिस्ट प्रमाण: चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए वोटर लिस्ट से अवैध प्रवासियों को हटाने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। अब 2003-04 के बाद वोटर लिस्ट में शामिल सभी नागरिकों और नए आवेदकों को यह सेल्फ-अटेस्टेड घोषणा करनी होगी कि वे भारतीय नागरिक हैं। इसके साथ ही, उन्हें अपने जन्म स्थान और जन्म तिथि का प्रमाण भी प्रस्तुत करना होगा।
भारतीय नागरिकता का प्रमाण:
लोगों को अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए यह बताना होगा कि वे जन्म से या रजिस्ट्रेशन के माध्यम से भारतीय हैं। इसके लिए वैध दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाणपत्र, नागरिकता पंजीकरण प्रमाण पत्र, या माता-पिता की नागरिकता संबंधी जानकारी देना आवश्यक होगा।
बिहार से एसआईआर की शुरुआत:
बिहार से एसआईआर की शुरुआत:
इस प्रक्रिया की शुरुआत बिहार से की जा रही है, जहां इस वर्ष के अंत तक विधान सभा चुनाव होने हैं। बिहार में 2003 की वोटर लिस्ट को मान्य दस्तावेज माना जाएगा और उस लिस्ट में शामिल नागरिकों से दोबारा दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे। अन्य सभी मतदाताओं को एक प्री-फिल्ड फॉर्म और एक घोषणापत्र भरना होगा। इसमें उम्र, निवास और नागरिकता की स्थिति के साथ-साथ 11 वैकल्पिक दस्तावेजों में से एक या अधिक दस्तावेज देने होंगे। ये सभी दस्तावेज ECI पोर्टल या ECINET ऐप पर अपलोड किए जा सकेंगे.
नागरिकता के दस्तावेज:
यदि कोई नागरिक 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच भारत में पैदा हुआ है, तो उसे अपने माता-पिता की नागरिकता के दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होंगे। यदि माता-पिता में कोई गैर-भारतीय नागरिक है, तो पासपोर्ट और वीजा की कॉपी देनी होगी। यदि कोई मतदाता भारत के बाहर जन्मा है, तो उसे भारत के मिशन द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र या रजिस्ट्रेशन का प्रमाण देना होगा.
डॉक्यूमेंट्स की एकत्रीकरण प्रक्रिया:
बूथ लेवल अधिकारी करेंगे डॉक्यूमेंट इक्ट्ठा:
बीएलओ इन फॉर्म्स और दस्तावेजों को घर-घर जाकर एकत्र करेंगे। इसके बाद EROs और AEROs द्वारा इनकी पुष्टि की जाएगी। यदि किसी पर संदेह होता है, तो उसकी फील्ड चेकिंग की जाएगी। अंत में, वोटर लिस्ट में नाम शामिल या हटाने का निर्णय लिया जाएगा.