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बिहार सरकार का आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 270 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक निर्णय

बिहार सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 270 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य बच्चों की शिक्षा और कर्मचारियों की कार्यक्षमता को बढ़ावा देना है। इस निर्णय के तहत आवश्यक उपकरण और सामग्री की खरीद की जाएगी। इसके अलावा, कैबिनेट बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई, जिसमें प्राथमिक स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और स्वास्थ्य संबंधी निर्णय शामिल हैं। जानें इस फैसले के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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बिहार सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय

बिहार सरकार ने मंगलवार को आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य बच्चों की शिक्षा और कर्मचारियों की कार्यक्षमता को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 270 करोड़ रुपये की राशि खर्च करने की स्वीकृति दी गई। इस पहल के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए आवश्यक उपकरण और सामग्री की खरीद की जाएगी, जिससे बच्चों और कर्मचारियों के लिए एक बेहतर वातावरण तैयार किया जा सके।


कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की गई और कुल 41 एजेंडों पर निर्णय लिया गया। बिहार के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि इनमें से कुछ प्रमुख निर्णयों में बिहार अमीन संवर्ग नियमावली का अनुमोदन, बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग का गठन, गन्ना उद्योग विभाग के भर्ती सेवा नियमावली का पास होना और बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण का गठन शामिल हैं।


इसके अलावा, स्वास्थ्य और पेंशन से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं, जिनसे राज्य के सरकारी कर्मचारियों और संबंधित व्यक्तियों को लाभ होगा। 270 करोड़ रुपये की मंजूरी का एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय प्राथमिक स्कूलों से जुड़ा है, जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराना है।


स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी एक महत्वपूर्ण मंजूरी में राज्य के विधायकों, न्यायिक सेवा और राज्य सेवा के अधिकारियों के लिए आयु चिकित्सा पद्धति के तहत चिकित्सा खर्चों की भरपाई की जाएगी। इसके साथ ही, पटना से दीघा तक रेल-सड़क पुल के निर्माण के लिए 1300 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो बिहार में सड़क और रेल नेटवर्क को मजबूत करेगा। दरभंगा और गोपालगंज में केंद्रीय विद्यालय खोलने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने मुहर लगाई है, जिससे इन क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।