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EPFO का नया नियम: नौकरी बदलने पर PF ट्रांसफर अब होगा आसान

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों के लिए PF ट्रांसफर प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब, यदि किसी कर्मचारी की पुरानी और नई नौकरी की तिथियों में मामूली ओवरलैप है, तो उनके ट्रांसफर दावे को अस्वीकृत नहीं किया जाएगा। यह बदलाव लाखों कर्मचारियों को राहत देगा, जो अक्सर नौकरी बदलते हैं और ट्रांसफर प्रक्रिया में समस्याओं का सामना करते हैं। जानें इस नए नियम के तहत कर्मचारियों को कैसे लाभ होगा।
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EPFO का नया नियम: नौकरी बदलने पर PF ट्रांसफर अब होगा आसान

कर्मचारियों के लिए नया EPFO नियम


देशभर में लाखों कर्मचारी हर महीने अपनी सैलरी का एक हिस्सा भविष्य निधि (PF) में जमा करते हैं, जो उनके बुढ़ापे का सहारा बनता है या किसी आपात स्थिति में मदद करता है। हालांकि, जब कोई व्यक्ति एक नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी में शामिल होता है, तो पीएफ ट्रांसफर की प्रक्रिया में अक्सर समस्याएं आती हैं। खासकर तब, जब नई और पुरानी नौकरी की तारीखों में थोड़ा बहुत ओवरलैप होता है। अब इस समस्या को हल करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।


1. PF ट्रांसफर अब नहीं होगा रिजेक्ट

EPFO ने स्पष्ट किया है कि अब पीएफ ट्रांसफर का दावा केवल इस आधार पर अस्वीकृत नहीं किया जाएगा कि कर्मचारी की पुरानी और नई नौकरी की सेवा तिथियों में मामूली ओवरलैप है। पहले इसी कारण कई ट्रांसफर दावे अस्वीकृत हो जाते थे, जिससे कर्मचारियों को काफी परेशानी होती थी। अब इस बदलाव के बाद हजारों कर्मचारियों को राहत मिलेगी, जो नई नौकरी में जाते ही PF ट्रांसफर को लेकर तनाव में रहते थे।


2. ओवरलैपिंग डेट्स पर अब नहीं फंसेगा मामला

EPFO ने अपने हालिया सर्कुलर में निर्देश दिया है कि यदि किसी कर्मचारी के ट्रांसफर दावे में दो नौकरियों की तिथियां ओवरलैप कर रही हैं, तो इसे अब अस्वीकृति का आधार नहीं माना जाएगा। क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे मामलों में ट्रांसफर दावे को अस्वीकृत करने के बजाय प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं और केवल तब स्पष्टीकरण मांगें जब वास्तव में कोई भ्रम या गड़बड़ी हो।


3. ट्रांसफर प्रक्रिया होगी पहले से ज्यादा आसान

नई व्यवस्था के तहत, जब कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है, तो उसे अपने पुराने नियोक्ता के ईपीएफ खाते से नए नियोक्ता के ईपीएफ खाते में अपना बैलेंस ट्रांसफर कराना होता है। इस प्रक्रिया को ट्रांसफर क्लेम कहा जाता है। पहले यह प्रक्रिया सरल नहीं थी, विशेष रूप से जब दो नौकरियों की जॉइनिंग या रिलीविंग तिथियों में थोड़ी भी ओवरलैपिंग होती थी। अब इस बाधा को हटा दिया गया है।


4. कर्मचारियों को कैसे होगा फायदा

इस बदलाव से लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा, जो निजी कंपनियों में काम करते हैं और समय-समय पर नौकरी बदलते रहते हैं। अब उन्हें पीएफ ट्रांसफर के लिए लंबी प्रक्रिया या फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, न ही ओवरलैपिंग तिथियों के कारण बार-बार दावे अस्वीकृत होने की चिंता रहेगी।


इसके अलावा, EPFO की यह पहल डिजिटल इंडिया अभियान के तहत ई-गवर्नेंस को और मजबूत बनाती है। EPFO पहले से ही ऑनलाइन PF बैलेंस चेक करने, पासबुक डाउनलोड करने और पीएफ ट्रांसफर या क्लेम करने की सुविधा दे रहा है, जिससे कर्मचारियों को अपने भविष्य निधि खाते पर पूरी निगरानी रखने में आसानी होती है।