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90 के दशक के जेली शूज़ की वापसी: क्या ये हैं फैशन का नया ट्रेंड?

90 के दशक के जेली शूज़ ने एक बार फिर से फैशन की दुनिया में कदम रखा है। ये जूते न केवल बारिश में पहनने के लिए आदर्श हैं, बल्कि हर प्रकार के आउटफिट के साथ भी शानदार लगते हैं। जानें कैसे ये जूते डोपामाइन ड्रेसिंग का हिस्सा बन गए हैं और क्या ये वास्तव में आरामदायक हैं। रेडिट पर यूजर्स की मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ भी जानें और देखें कि कैसे नए ब्रांड्स ने इन्हें और बेहतर बनाया है।
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90 के दशक के जेली शूज़ की वापसी: क्या ये हैं फैशन का नया ट्रेंड?

जेली शूज़ का नया अवतार

जब भी लोग सोचते हैं कि उन्होंने फैशन ट्रेंड्स के साथ खुद को अपडेट कर लिया है, तभी इंटरनेट पर एक नया चलन सामने आ जाता है। कभी नया तो कभी पुराने फैशन की वापसी, यही ट्रेंड की असली पहचान है। इस बार, 90 के दशक के जेली शूज़ ने फैशन की दुनिया में जोरदार वापसी की है। मिलेनियल्स के लिए ये जूते सिर्फ फुटवियर नहीं, बल्कि एक यादगार अनुभव बन चुके हैं।


मौसम के साथ परफेक्ट टाइमिंग

इस समय का चुनाव भी बिल्कुल सही है, क्योंकि यह मॉनसून का मौसम है। जेली शूज़ न केवल बारिश में पानी में खेलने की आजादी देते हैं, बल्कि इन्हें किसी भी आउटफिट के साथ पहनना भी आसान है। आराम और स्टाइल में कोई समझौता नहीं।


जेली शूज़ की कहानी

जेली शूज़ का इतिहास PVC मटीरियल के आगमन के बाद शुरू हुआ, खासकर 1960 के दशक में। लेकिन इनका असली क्रेज 1990 के दशक में देखने को मिला। रंग-बिरंगे, पारदर्शी और ट्रेंडी, ये जूते उस समय के हर फैशन स्टेटमेंट का हिस्सा थे। अब 21वीं सदी में, ये ट्रेंड फिर से लौट आया है। इसे फैशन हाउस The Row के स्प्रिंग-समर '24 रनवे पर देखा गया। 'क्वायट लग्ज़री' स्टाइल के लिए मशहूर इस ब्रांड ने जेली शूज़ को नए रंग और डिज़ाइन में पेश किया।


हर लुक के लिए उपयुक्त

जेली सैंडल और शूज़ को आप किसी भी आउटफिट के साथ पहन सकते हैं। चाहे वह फ्लोई मैक्सी ड्रेस हो, बेल-बॉटम हो, या कैज़ुअल अर्बन स्टाइल। ये आपके एथनिक लुक के साथ भी शानदार लगते हैं।


डोपामाइन ड्रेसिंग का महत्व

डोपामाइन ड्रेसिंग का मतलब है वो पहनना जो आपको खुशी दे। ब्राइट और चटकीले रंगों के जेली शूज़ न केवल आपको बारिश में फिसलने से बचाते हैं, बल्कि हर कदम पर आपको स्टाइलिश भी बनाए रखते हैं।


कम्फर्ट का सवाल

मिलेनियल्स को शायद याद होगा कि ये जूते कितने स्क्वीकी और पसीने से भरे होते थे। यही कारण है कि लोग आज भी पूछते हैं - क्या ये आरामदायक हैं?


रेडिट पर प्रतिक्रियाएँ

रेडिट पर इस ट्रेंड के प्रति यूजर्स की प्रतिक्रियाएँ मिली-जुली हैं। कुछ इसे फैशन और नॉस्टेल्जिया का बेहतरीन मिश्रण मानते हैं, जबकि कुछ पुराने अनुभवों के आधार पर इसे फिर से आजमाने में हिचकिचा रहे हैं।


बाजार में नए विकल्प

हालांकि, अब बाजार में मौजूद ब्रांड्स ने इन जूतों को और बेहतर बना दिया है। Melissa जैसे ब्रांड, जो 1970 से जेली शूज़ बना रहे हैं, अब इन्हें ईको-फ्रेंडली और वीगन वर्जन में लॉन्च कर चुके हैं। भारत में भी ये शूज़ अब ऑनलाइन विभिन्न कीमतों में उपलब्ध हैं।