Newzfatafatlogo

किराए पर घर लेने से पहले जानें ये जरूरी बातें

किराए पर घर लेना एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जिसमें कई पहलुओं का ध्यान रखना आवश्यक है। इस लेख में, हम रेंट एग्रीमेंट, सिक्योरिटी मनी और रखरखाव शुल्क जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे एक सही घर चुनें और भविष्य में समस्याओं से बचें।
 | 
किराए पर घर लेने से पहले जानें ये जरूरी बातें

किराए पर घर लेने की प्रक्रिया


भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए, कई लोग बेहतर नौकरी के लिए अपने घर से दूर दूसरे शहरों में जाने का निर्णय लेते हैं। इस प्रक्रिया में, उन्हें अक्सर किराए के मकान में रहना पड़ता है। हालांकि, किराए पर घर ढूंढना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। सही स्थान, सुरक्षित इलाका और उचित किराया जैसे पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक होता है। जब लोग घर का चयन करते हैं, तो उन्हें कई बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।


भारत के कई शहरों में अब किराए पर घर लेने से पहले रेंट एग्रीमेंट बनाना अनिवार्य हो गया है। फिर भी, कुछ लोग बिना रेंट एग्रीमेंट के ही घर ले लेते हैं, जिससे उन्हें बाद में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आमतौर पर, रेंट एग्रीमेंट की अवधि 11 महीने होती है।


रेंट एग्रीमेंट एक कानूनी दस्तावेज है, जिसमें किरायेदार और मकान मालिक दोनों को लिखी शर्तों का पालन करना होता है। इस समझौते के दौरान, मकान मालिक किरायेदार से घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता। यदि किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न होता है, तो यह दस्तावेज कोर्ट में भी उपयोगी होता है।


किराए पर रहने के दौरान, किरायेदार को सिक्योरिटी मनी के रूप में कुछ राशि जमा करनी होती है। कई बार, मकान मालिक मनमाने तरीके से सिक्योरिटी मनी की मांग करते हैं, जो किरायेदारों के लिए कठिनाई पैदा कर सकता है। रेंट कंट्रोल एक्ट के अनुसार, कोई भी मकान मालिक किरायेदार से सिक्योरिटी मनी के रूप में दो महीने से अधिक का किराया नहीं मांग सकता। इसलिए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपको कितनी सिक्योरिटी मनी देनी है।


किराए पर रहने के दौरान, रखरखाव शुल्क भी देना पड़ता है, जो विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग हो सकता है। इसके अलावा, मकान मालिक द्वारा घर में कई सुविधाएं जैसे पंखा, लाइट, फ्रिज और एसी लगाई जाती हैं। यदि इनमें कोई खराबी आती है, तो यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि इसे ठीक करने की जिम्मेदारी किसकी होगी। इसके साथ ही, घर में किसी भी प्रकार की टूट-फूट होने पर, आपको यह जानना चाहिए कि इसके लिए आपको कितनी राशि चुकानी होगी।