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क्या पीरियड्स का खून चेहरे पर लगाना सुरक्षित है? जानें विशेषज्ञों की राय

सोशल मीडिया पर पीरियड्स के खून को चेहरे पर लगाने का ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है। इन्फ्लुएंसर्स का दावा है कि इसमें मौजूद तत्व त्वचा को चमकदार बनाते हैं। लेकिन क्या यह सच है? विशेषज्ञों का कहना है कि यह खतरनाक हो सकता है। जानें इस ट्रेंड के पीछे की सच्चाई, पीरियड्स के खून की संरचना, और स्वास्थ्य एजेंसियों की चेतावनी। क्या यह वास्तव में फायदेमंद है या सिर्फ एक फड?
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क्या पीरियड्स का खून चेहरे पर लगाना सुरक्षित है? जानें विशेषज्ञों की राय

सोशल मीडिया पर वायरल ट्रेंड


सोशल मीडिया पर क्या ट्रेंड बन जाएगा, यह कभी-कभी अनिश्चित होता है। हाल ही में, पीरियड्स के खून को लेकर एक नया दावा सामने आया है। इन्फ्लुएंसर्स का कहना है कि इस खून में स्टेम सेल्स, साइटोकिन्स और प्रोटीन होते हैं, जो त्वचा को पुनर्जीवित करने और उसे चमकदार बनाने में मदद करते हैं। यह एक प्रकार की बॉडी-रीसाइक्लिंग थेरेपी की तरह प्रतीत होता है, लेकिन क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक प्रमाण है, या यह केवल सोशल मीडिया का एक फड है?


मेंस्ट्रुअल मास्किंग: एक नया ट्रेंड

यह ट्रेंड टिकटॉक पर शुरू हुआ, जहाँ #periodfacemask और #menstrualmasking जैसे हैशटैग ने लाखों व्यूज़ प्राप्त किए हैं। लोग मेंस्ट्रुअल कप से एकत्रित पीरियड्स के खून को कुछ समय के लिए अपने चेहरे पर लगाते हैं और इसे धोने के बाद 'नेचुरल ग्लो' का अनुभव बताते हैं। कुछ इसे एक आध्यात्मिक रिचुअल, 'मून मास्किंग' या अपने शरीर के साथ जुड़ने का एक तरीका मानते हैं। हालांकि, त्वचा विशेषज्ञ इस DIY ट्रेंड को खतरनाक मानते हैं।


पीरियड्स के खून की संरचना

यह जानना आवश्यक है कि पीरियड्स का खून केवल खून नहीं होता, बल्कि यह कई तत्वों का मिश्रण होता है। इसमें शामिल हैं:


खून (RBCs, WBCs)
यूट्रस की लाइनिंग के टुकड़े
वेजाइनल और सर्वाइकल फ्लूइड
इसका अर्थ है कि यह साफ या स्टेरिलाइज्ड नहीं होता। इसे सीधे चेहरे पर लगाना त्वचा में बैक्टीरिया, सूजन और संक्रमण फैलाने का कारण बन सकता है।


PRP (प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा) जैसे उपचार चिकित्सा सेटिंग में स्टेरिलाइजेशन और प्रोसेसिंग के बाद किए जाते हैं। जबकि पीरियड्स का खून कच्चा, अनफ़िल्टर्ड और अनटेस्टेड होता है। अब तक कोई वैज्ञानिक अध्ययन यह साबित नहीं कर पाया है कि चेहरे पर पीरियड्स का खून लगाने से कोई लाभ होता है।


स्टेम सेल्स का दावा

पीरियड्स के खून में MenSCs (मेंस्ट्रुअल ब्लड-डेराइव्ड स्टेम सेल्स) होते हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि इनका उपयोग सीधे कच्चे खून से नहीं किया जाता। इन्हें अलग किया जाता है, प्यूरीफाई किया जाता है, और नियंत्रित प्रयोगशाला वातावरण में उपयोग किया जाता है। 2019 और 2021 में कई अध्ययन यह दर्शाते हैं कि ये स्टेम सेल्स चूहों और रैट्स में घाव भरने में मदद कर सकते हैं। 2025 में एक अध्ययन में पाया गया कि इनसे निकले एक्स्ट्रासेलुलर वेसिकल्स सूजन को कम कर सकते हैं। लेकिन ये सभी अध्ययन प्यूरीफाइड स्टेम सेल्स पर आधारित थे, न कि मेंस्ट्रुअल कप से निकाले गए कच्चे खून पर।


वायरल ट्रेंड के कारण

यह ट्रेंड क्यों वायरल होता है? इसके पीछे कुछ कारण हैं जैसे बोल्ड और टैबू तोड़ने वाला कंटेंट, "शरीर खुद को ठीक कर सकता है" जैसी बातें, और सस्ते, घर पर किए जाने वाले ब्यूटी हैक। लेकिन जो कुछ भी वायरल होता है, वह हमेशा फायदेमंद नहीं होता।


स्वास्थ्य एजेंसियों की चेतावनी

CDC, WHO और UKHSA जैसी वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसियों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि मानव रक्त से संक्रमण का खतरा होता है। इसमें HIV, हेपेटाइटिस B और हेपेटाइटिस C जैसे रक्त से फैलने वाले पैथोजन हो सकते हैं। WHO के अनुसार, रक्त और शरीर के तरल पदार्थों को संभालने के लिए चिकित्सा-ग्रेड स्टेरिलाइजेशन की आवश्यकता होती है, जो बाथरूम में बनाए गए फेस मास्क कभी प्राप्त नहीं कर सकते। UK में डर्मेटोलॉजी और सर्जरी संगठन भी चेतावनी देते हैं कि बिना प्रमाणित ब्यूटी प्रैक्टिस से गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण हो सकते हैं। पीरियड ब्लड फेस मास्क सीधे तौर पर इसी खतरे की श्रेणी में आता है।