भारत में विवाहेतर संबंधों की बढ़ती प्रवृत्ति: जानें कारण और प्रभाव

विवाह का पवित्र बंधन और धोखे की सच्चाई
शादी एक पवित्र बंधन है, जो सात जन्मों तक चलने का वादा करता है। लेकिन जब धोखा देना किसी की आदत बन जाए, तो इसे बदलना मुश्किल हो जाता है। वर्तमान में, विवाह के बाद एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कई लोग ऐसे होते हैं जो धोखे के बावजूद समझौता कर लेते हैं, जबकि कुछ अपने साथी के विश्वासघात के बाद शादी को समाप्त कर देते हैं। हाल ही में, भारत में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स के लिए शीर्ष 20 शहरों की सूची जारी की गई है। डेटिंग वेबसाइट एश्ले मैडिसन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष मुंबई इस सूची में पहले स्थान पर था, लेकिन इस बार यह सूची से बाहर है, जो यह दर्शाता है कि मामलों में कमी आई है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर के नौ क्षेत्र इस सूची में शामिल हैं।
विवाहेतर संबंधों के कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि जब किसी व्यक्ति की अरेंज मैरिज परिवार के दबाव में होती है और उनका किसी अन्य व्यक्ति के साथ संबंध होता है, तो शादी के बाद एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर होना सामान्य है। इसके अलावा, आजकल पति-पत्नी दोनों काम कर रहे हैं, जिससे वे एक-दूसरे को समय नहीं दे पाते, जिससे विवाहेतर संबंधों की संभावना बढ़ जाती है। जब नवविवाहित जोड़े एक-दूसरे को समझने का समय नहीं पाते और परिवार के दबाव में जल्दी परिवार योजना बनाने लगते हैं, तो भी ऐसे मामलों की संभावना बढ़ जाती है।
विवाहेतर संबंधों के नुकसान
विवाहेतर संबंधों के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि विवाहित जोड़ों के बीच रोमांस की कमी, यौन इच्छाओं की असंतोष, भावनात्मक और आर्थिक मजबूती की कमी। शारीरिक और भावनात्मक संबंधों का होना आवश्यक है। जब कोई व्यक्ति अपने जीवनसाथी से भावनात्मक रूप से जुड़ नहीं पाता या उसकी भावनाओं की कद्र नहीं करता, तो वह विवाहेतर संबंधों की ओर बढ़ता है।
धोखे का बदला
कई बार शादी के बाद रोमांस और शारीरिक अंतरंगता की कमी हो जाती है। ऐसे में पार्टनर अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए विवाहेतर संबंधों का सहारा लेते हैं। अगर शादी के बाद झगड़े और गलतफहमियाँ बढ़ जाती हैं, तो वे एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं। इस स्थिति में, एक तीसरा व्यक्ति उनके जीवन में आ जाता है। कभी-कभी, पार्टनर द्वारा धोखा मिलने पर बदला लेने के लिए भी लोग अफेयर शुरू कर देते हैं।