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महिलाओं के लिए छोटे व्यवसायों के 7 लाभदायक आइडियाज

आज की महिलाएं छोटे व्यवसायों के माध्यम से आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। चाहे अगरबत्ती बनाना हो या पापड़ और अचार बनाना, ये सभी व्यवसाय कम लागत में शुरू किए जा सकते हैं। इस लेख में हम 7 ऐसे लाभकारी व्यवसायों के बारे में जानेंगे, जो महिलाएं आसानी से घर से शुरू कर सकती हैं। जानें कैसे ये व्यवसाय न केवल उनकी पहचान बना सकते हैं, बल्कि परिवार को भी आर्थिक मजबूती प्रदान कर सकते हैं।
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महिलाओं के लिए छोटे व्यवसायों के 7 लाभदायक आइडियाज

आर्थिक आत्मनिर्भरता की नई दिशा


आज के युग में आर्थिक आत्मनिर्भरता केवल शिक्षित वर्ग तक सीमित नहीं रह गई है। ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में रहने वाली अनपढ़ या कम पढ़ी-लिखी महिलाएं भी अब छोटे-छोटे व्यवसायों के माध्यम से न केवल अपने लिए रोजगार उत्पन्न कर रही हैं, बल्कि अपने परिवारों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं। इनमें से अधिकांश व्यवसायों में लागत बहुत कम होती है, जबकि मुनाफा कई गुना अधिक होता है। यदि इनमें इच्छाशक्ति और थोड़ी मेहनत हो, तो ये महिलाएं भी अपनी पहचान बना सकती हैं।


1. अगरबत्ती या धूपबत्ती बनाना

अगरबत्ती बनाना एक ऐसा व्यवसाय है जिसे महिलाएं अपने घर से आसानी से शुरू कर सकती हैं। इसकी लागत बहुत कम होती है, क्योंकि आवश्यक सामग्री जैसे बांस की काठी, पाउडर और सुगंधित तेल आसानी से मिल जाते हैं। एक किलो अगरबत्ती बनाने में 50-70 रुपये का खर्च आता है, जबकि इसे बेचकर 150-200 रुपये तक की आमदनी हो सकती है। कई NGO और सरकारी प्रशिक्षण केंद्र भी इसे सिखाते हैं।


2. पापड़, अचार और मुरब्बा बनाना

गृहिणियों के लिए पापड़, अचार और मुरब्बा बनाना एक पारंपरिक लेकिन लाभकारी कार्य है। यदि उत्पादों का स्वाद और गुणवत्ता अच्छी हो, तो ये बाजार में आसानी से बिकते हैं। कई महिलाएं आज सोशल मीडिया या व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से अपने होममेड उत्पादों का प्रचार करती हैं। इसकी शुरुआत केवल 500-1000 रुपये से की जा सकती है।


3. सिलाई और कपड़ों की मरम्मत

अनपढ़ महिलाएं सिलाई का काम सीखकर अच्छा रोजगार कमा सकती हैं। गांवों और कस्बों में शादी-ब्याह के समय महिलाएं नए कपड़े सिलवाने के लिए टेलर की तलाश करती हैं। यदि महिला की सिलाई अच्छी हो, तो ग्राहक अपने आप बढ़ते हैं। एक सस्ती सिलाई मशीन 4-5 हजार रुपये में मिल जाती है और एक महीने में 5-10 हजार रुपये तक की कमाई की जा सकती है।


4. फूलों की खेती और माला बनाना

कम जमीन और निवेश में फूलों की खेती एक लाभकारी व्यवसाय है। महिलाएं गेंदा, गुलाब या चमेली के फूल उगाकर स्थानीय बाजार या मंदिरों में बेच सकती हैं। इसके अलावा, माला बनाने का काम भी ज्यादा तकनीकी नहीं होता। त्योहारों और विशेष अवसरों पर इस काम से अच्छी कमाई होती है।


5. देसी गाय का दूध और घी बेचना

ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं पारंपरिक रूप से गाय-भैंस पालती हैं। वे दूध निकालकर सीधे ग्राहकों को बेच सकती हैं, जो आजकल शुद्ध देसी घी और दूध की तलाश में रहते हैं। इससे न केवल मुनाफा होता है, बल्कि शुद्धता के कारण ग्राहक बार-बार लौटते हैं। इससे दैनिक आय सुनिश्चित हो सकती है।


6. ब्यूटी पार्लर या मेहंदी लगाना

शादी और त्योहारों के दौरान महिलाओं को सजने-संवरने की आवश्यकता होती है। ऐसे में अनपढ़ महिलाएं यदि मेहंदी लगाना या बुनियादी ब्यूटी पार्लर का कोर्स कर लें, तो यह काम बहुत कम लागत में शुरू किया जा सकता है। कुछ ब्यूटी प्रोडक्ट्स और मेहंदी की सामग्री से शुरू होकर यह रोजगार हजारों की कमाई करा सकता है।


7. झाड़ू और मूंज की रस्सी बनाना

झाड़ू और मूंज की रस्सी बनाना एक पारंपरिक लेकिन कभी खत्म न होने वाला काम है। आज भी ग्रामीण भारत में झाड़ू की मांग बहुत अधिक है। यह काम सीखने में आसान है और इसमें उपयोग होने वाली कच्ची सामग्री बेहद सस्ती होती है। कई महिलाएं आज इसे छोटे समूह में करके सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए अच्छा मुनाफा कमा रही हैं।


सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं से मिल रही है मदद

सरकार अब महिला सशक्तिकरण के लिए मुद्रा योजना, स्वयं सहायता समूह, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना और रूरल स्किल डेवलपमेंट मिशन जैसी योजनाओं के तहत महिलाओं को लोन, ट्रेनिंग और मार्केटिंग की सुविधा दे रही है। इससे उन महिलाओं को विशेष लाभ मिल रहा है जो पढ़ी-लिखी नहीं हैं लेकिन कुछ कर गुजरने की हिम्मत रखती हैं।