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सावन सोमवार व्रत: नियम और पूजा विधि जानें

सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दौरान सोमवार का व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यदि आप पहली बार व्रत रख रहे हैं, तो इसके नियमों और पूजा विधि को जानना आवश्यक है। इस लेख में हम सावन सोमवार व्रत के नियम, व्रत का संकल्प, स्वच्छता, व्रत भोजन और पूजा विधि के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। जानें कैसे इस पवित्र व्रत का सही तरीके से पालन करें और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।
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सावन सोमवार व्रत: नियम और पूजा विधि जानें

सावन का महत्व

सावन का महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है। इस महीने में आने वाले सभी सोमवार का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और शिव की कृपा प्राप्त होती है। यदि आप पहली बार सावन का व्रत रखने जा रहे हैं, तो इसके नियमों को जानना आवश्यक है ताकि आप इसका पूरा लाभ उठा सकें।


सावन सोमवार व्रत के नियम

व्रत का संकल्प

व्रत आरंभ करने से पहले सुबह स्नान करें और भगवान शिव के समक्ष व्रत का संकल्प लें। मन में यह सोचें कि आप सच्चे मन से व्रत कर रहे हैं और सभी नियमों का पालन करेंगे।


स्वच्छता

व्रत के दिन शारीरिक और मानसिक स्वच्छता बनाए रखें। साफ कपड़े पहनें और पूजा स्थल को स्वच्छ रखें।


व्रत भोजन

सावन सोमवार का व्रत आमतौर पर बिना पानी या फल के रखा जाता है, लेकिन यदि आप पानी का व्रत नहीं रख सकते हैं, तो थोड़े फल खा सकते हैं। इसमें सेंधा नमक का उपयोग करें। व्रत में फल, दूध, दही, साबूदाना, कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा और शकरकंद का सेवन किया जा सकता है। व्रत में अनाज, दालें, नमक, प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से बचें। ध्यान रखें कि व्रत खोलने के लिए अनाज का उपयोग न करें।


पूजा विधि

पूजा की प्रक्रिया

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, दूध, दही, घी, शहद, चीनी, गंगाजल और सफेद फूल चढ़ाएं। शिवलिंग पर अक्षत और चंदन लगाएं। भगवान शिव के समक्ष घी का दीपक और धूप जलाएं। 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करें। शिव चालीसा और सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ें या सुनें। पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती करें और पूजा तथा व्रत में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें।