HRA क्लेम के लिए मकान मालिक का PAN नंबर: जानें क्या है नियम

HRA और PAN नंबर का महत्व
यदि आप एक नौकरीपेशा व्यक्ति हैं और किराए के मकान में निवास करते हैं, तो आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते समय HRA (हाउस रेंट अलाउंस) के तहत टैक्स छूट का लाभ उठाना संभव है। हालांकि, कई लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या HRA क्लेम करते समय मकान मालिक का PAN नंबर देना आवश्यक है। इसका उत्तर है हां, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। आइए HRA छूट, PAN नंबर की आवश्यकता और इससे जुड़े नियमों को विस्तार से समझते हैं।
HRA क्या है?
HRA, यानी हाउस रेंट अलाउंस, एक भत्ता है जो उन कर्मचारियों को दिया जाता है जो किराए के घर में रहते हैं। यह सैलरी का एक हिस्सा होता है और सरकार इसके एक हिस्से पर टैक्स छूट प्रदान करती है। यह छूट केवल पुराने टैक्स सिस्टम (Old Regime) में उपलब्ध है। यदि आप नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) का चयन करते हैं, तो आपको HRA क्लेम करने का अवसर नहीं मिलेगा।
कब आवश्यक है मकान मालिक का PAN नंबर?
यदि आप HRA के तहत टैक्स छूट का दावा करना चाहते हैं, तो आपको यह जानना आवश्यक है कि किन परिस्थितियों में मकान मालिक का PAN नंबर देना अनिवार्य है:
यदि आपका सालाना किराया ₹1 लाख से अधिक है (यानि ₹8,333 प्रति माह से ज्यादा), तो आपको मकान मालिक का PAN नंबर अपने एंप्लॉयर को देना होगा.
यदि किराया ₹1 लाख सालाना से कम है, तो PAN नंबर देने की आवश्यकता नहीं है.
यदि किराया ₹50,000 प्रति माह से अधिक है, तो मकान मालिक को फॉर्म 26QC के तहत TDS जमा करना होगा और फॉर्म 16C किराएदार को देना होगा.
यदि मकान मालिक PAN नंबर नहीं दे रहा है, तो क्या करें?
यदि मकान मालिक PAN नंबर देने से इनकार करता है, तो आप निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कर सकते हैं:
डिक्लेरेशन लेटर: मकान मालिक से एक लिखित पत्र प्राप्त करें जिसमें कहा गया हो कि उसके पास PAN नंबर नहीं है। इसमें मकान मालिक का नाम, पता, किराए की राशि आदि शामिल होनी चाहिए.
रेंट रसीद और बैंक स्टेटमेंट: किराया भुगतान से संबंधित सभी रसीद और बैंक ट्रांजैक्शन को संभालकर रखें, ताकि यदि कभी टैक्स विभाग स्पष्टीकरण मांगे, तो आपके पास सबूत मौजूद हों.
HRA क्लेम के लिए आवश्यक दस्तावेज
HRA छूट का दावा करते समय आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
मकान मालिक का नाम और पता
मकान मालिक का PAN नंबर (यदि सालाना किराया ₹1 लाख से अधिक है)
रेंट रसीदें (हर महीने या क्वार्टर की)
रेंट एग्रीमेंट (यदि उपलब्ध हो)
किराया यदि बैंक के माध्यम से दिया गया हो तो उसका बैंक स्टेटमेंट
ध्यान दें कि कई कंपनियां इन दस्तावेजों को वित्त वर्ष के अंत में प्रूफ ऑफ इन्वेस्टमेंट के समय मांगती हैं, इसलिए इन्हें समय पर तैयार रखें.
यह नियम क्यों आवश्यक है?
आयकर विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जो लोग टैक्स छूट का लाभ ले रहे हैं, वे पारदर्शिता से अपने दावों को साबित करें। मकान मालिक का PAN नंबर देने से उनकी टैक्स स्थिति को ट्रैक किया जा सकता है। इससे फर्जी HRA क्लेम पर रोक लगती है और टैक्स प्रणाली अधिक पारदर्शी बनती है.