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अंबाला में डंपिंग जोन की सफाई से शुरू हुआ सौंदर्यीकरण कार्य

अंबाला में नगर परिषद ने 20 साल पुराने सात डंपिंग जोनों को हटाकर एक महत्वपूर्ण सफाई अभियान चलाया है। इस प्रक्रिया के तहत, अब इन स्थानों पर पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं। इस सफाई कार्य का श्रेय नगर परिषद और वार्ड पार्षदों के सामूहिक प्रयासों को दिया जा रहा है। जानें इस अभियान के बारे में और कैसे यह छावनी को साफ-सुथरा बनाने में मदद कर रहा है।
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अंबाला में डंपिंग जोन की सफाई से शुरू हुआ सौंदर्यीकरण कार्य

अंबाला में डंपिंग जोन की सफाई

अंबाला में डंपिंग जोन की सफाई अभियान के तहत 20 साल पुराने सात डंपिंग जोन को हटा दिया गया है, जिसके बाद यहां सौंदर्यीकरण का कार्य प्रारंभ हो गया है।


नगर परिषद ने अंबाला छावनी को साफ-सुथरा बनाने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। पिछले दो दशकों से मौजूद इन डंपिंग जोनों को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।


अब इन स्थानों पर पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं। इस उपलब्धि का श्रेय नगर परिषद और वार्ड पार्षदों के सामूहिक प्रयासों को दिया जा रहा है।


संवेदनशील डंपिंग जोन की पहचान

नगर परिषद के क्षेत्र में लगभग 30 डंपिंग जोन थे, जिनमें से कई प्रमुख चौराहों और भीड़भाड़ वाले स्थानों के निकट थे। इनमें से 10 स्थानों को 'अतिसंवेदनशील' माना गया था। पहले चरण में, नगर परिषद ने सात प्रमुख डंपिंग जोनों को हटाने में सफलता प्राप्त की है।


बीडी स्कूल के पास स्थित डंपिंग जोन को सबसे पहले समाप्त किया गया, जिसमें वार्ड पार्षद शिवा काकरान की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके बाद निम्नलिखित स्थानों से भी डंपिंग जोन हटाए गए:


सनातन धर्म मंदिर और स्कूल के सामने, अनाज मंडी, एकता विहार चौक, और टांगरी क्षेत्र में तीन डंपिंग जोन।


हालांकि, छावनी बस अड्डे का सबसे बड़ा डंपिंग जोन हटाने में नगर परिषद को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यहां खड़ी रेहड़ियां अपनी जगह बदलने को तैयार नहीं हैं।


पार्षदों से सहयोग की अपील

स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने पार्षदों, बाजार संघों, धार्मिक और सामाजिक संगठनों से सहयोग की अपील की थी।


इसके बाद, पार्षदों ने अपने-अपने क्षेत्रों में मौजूद डंपिंग जोनों की सूची नगर परिषद को प्रदान की। सुझाव मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया कि डंपिंग जोनों को पूरी तरह समाप्त किया जाए, न कि केवल डस्टबिन रखे जाएं।


डोर-टू-डोर कलेक्शन पर जोर

नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र नरवाल के अनुसार, घरों, दुकानों और संस्थानों से निकलने वाला कूड़ा डोर-टू-डोर कलेक्शन कर्मचारी उठाते हैं। इसलिए नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे कूड़ा सड़क पर न फेंकें।


उन्होंने बताया कि कुछ क्षेत्रों में अब सुबह और शाम दो बार कूड़ा उठाने की व्यवस्था की गई है। नरवाल ने कहा कि नागरिकों के सहयोग के बिना छावनी को साफ रखना कठिन है।