आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियों में खतरनाक रसायन का खुलासा

मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियों में खतरनाक रसायन
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मच्छरों से बचने के लिए उपयोग की जाने वाली अगरबत्तियों के बारे में एक चिंताजनक जानकारी सामने आई है। होम इंसेक्ट कंट्रोल एसोसिएशन (HICA) ने चेतावनी दी है कि बाजार में उपलब्ध कई अवैध मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियों में खतरनाक और गैर-अनुमोदित रसायनों का उपयोग किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। HICA द्वारा की गई लैब टेस्टिंग में 'स्लीपवेल' नामक मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती के नमूनों में "मेपरफ्लुथ्रिन" नामक अवैध रसायन पाया गया है। ये नमूने विशाखापत्तनम, विजयनगरम और विजयवाड़ा जैसे शहरों से एकत्र किए गए थे।क्या है "मेपरफ्लुथ्रिन" और यह क्यों खतरनाक है? मेपरफ्लुथ्रिन एक ऐसा रसायन है जिसे भारत में मच्छर भगाने वाले उत्पादों में उपयोग करने की अनुमति नहीं है। किसी भी कीटनाशक या मच्छर भगाने वाले उत्पाद में इस्तेमाल होने वाले रसायनों को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली सेंट्रल इंसेक्टिसाइड्स बोर्ड एंड रजिस्ट्रेशन कमेटी (CIBRC) से मंजूरी लेनी होती है। मेपरफ्लुथ्रिन को यह मंजूरी कभी नहीं मिली, जिसका अर्थ है कि इसके स्वास्थ्य पर प्रभावों का कोई उचित अध्ययन नहीं हुआ है और यह सुरक्षित नहीं है।
'स्लीपवेल' ब्रांड पर उठे सवाल रिपोर्ट के अनुसार, 'स्लीपवेल' ब्रांड की अगरबत्तियां आशिका इंसेंस इंक. द्वारा निर्मित की जाती हैं। इस खुलासे के बाद कंपनी और उसके उत्पादों पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। HICA, जो एक गैर-लाभकारी संस्था है और घरेलू कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देती है, ने नागरिकों से इस प्रकार के अवैध उत्पादों से सावधान रहने की अपील की है। अगली बार जब आप मच्छर भगाने के लिए कोई अगरबत्ती खरीदें, तो सुनिश्चित करें कि वह किसी विश्वसनीय ब्रांड की हो और सभी सरकारी नियमों का पालन करती हो।