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उत्तर प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं

उत्तर प्रदेश सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लागू कर रही है। किसानों को वर्मी कंपोस्ट यूनिट बनाने के लिए 50,000 रुपये का अनुदान मिलेगा, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा। इस योजना के तहत किसानों को जैविक उर्वरकों का उपयोग करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। जानें इस योजना के बारे में और कैसे आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
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उत्तर प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं

उत्तर प्रदेश में जैविक खेती को प्रोत्साहन


उत्तर प्रदेश समाचार: राज्य सरकार जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है, जिसमें सब्जियों पर अनुदान भी शामिल है। अब किसानों को वर्मी कंपोस्ट यूनिट स्थापित करने के लिए 50,000 रुपये का अनुदान मिलेगा, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा और रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम होगा। इस योजना के तहत कुल लागत का 50% अनुदान दिया जाएगा। किसानों को इसके लिए उद्यान विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।


सरकार की योजनाएं

कई योजनाएं लागू की जा रही हैं

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए शासन स्तर पर कई योजनाएं चल रही हैं। किसानों को सब्जियों सहित विभिन्न फसलों की जैविक खेती पर अनुदान प्राप्त होगा। इसके अलावा, जैविक खेती के लिए जैव उर्वरक भी उपलब्ध कराए जाएंगे। शासन ने वर्मी कंपोस्ट यूनिट बनाने के लिए 50,000 रुपये का अनुदान देने की योजना बनाई है, जिससे उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार होगा।


योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया

उद्यान विभाग ने योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है और किसानों को वर्मी कंपोस्ट यूनिट स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति में कमी आ रही है, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। इसलिए, शासन ने जैविक उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं।


वर्मी कंपोस्ट यूनिट की स्थापना

किसानों के लिए कोई कठिनाई नहीं

किसानों को जैविक उर्वरक बनाने में कोई कठिनाई नहीं होगी, इसलिए वर्मी कंपोस्ट यूनिट स्थापित करने की योजना बनाई गई है। जिला उद्यान अधिकारी ममता सिंह यादव ने बताया कि प्रत्येक यूनिट की लागत एक लाख रुपये होगी, जिसमें से किसानों को 25% या 25,000 रुपये का अनुदान मिलेगा। किसानों से अनुरोध किया गया है कि वे इस योजना का लाभ उठाएं और ऑनलाइन आवेदन करें।