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उत्तर प्रदेश में नए फोरलेन बाईपास से यातायात में सुधार

उत्तर प्रदेश में सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई फोरलेन परियोजनाएं चल रही हैं। आजमगढ़ में नरौली-भंवरनाथ बाईपास को फोरलेन में परिवर्तित किया जाएगा, जिससे यातायात की समस्या का समाधान होगा। इस परियोजना के तहत 89 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है और किसानों को भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा दिया जाएगा। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और कैसे यह क्षेत्रीय यातायात को सुगम बनाएगा।
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उत्तर प्रदेश में नए फोरलेन बाईपास से यातायात में सुधार

उत्तर प्रदेश में फोरलेन परियोजनाओं की प्रगति


उत्तर प्रदेश समाचार: राज्य में सड़क बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण फोरलेन परियोजनाएं चल रही हैं। इनका मुख्य उद्देश्य यातायात के बढ़ते दबाव को कम करना और क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करना है। अब एक और ज़िले को फोरलेन बाईपास का लाभ मिलने जा रहा है। आजमगढ़ शहर को जाम से मुक्त करने के लिए नरौली-भंवरनाथ बाईपास को फोरलेन में परिवर्तित किया जाएगा। इसके लिए 89 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। किसानों को 32 करोड़ रुपये का मुआवजा देकर 2.25 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। फोरलेन बनने से आजमगढ़ एनएच-233 को वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन से सीधे जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रा में आसानी होगी।


भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया

भूमि अधिग्रहण

नरौली-भंवरनाथ बाईपास को फोरलेन में परिवर्तित करने से नगर क्षेत्र में जाम की समस्या का समाधान होगा। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने शासन को 70 करोड़ रुपये की परियोजना भेजी थी। शासन से मंजूरी मिलने पर 89 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। कार्यदायी संस्था ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। बाईपास के फोरलेन निर्माण के लिए किसानों की 2.25 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसके लिए 32 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।


जाम की समस्या का समाधान

जाम की समस्या से जूझते लोग

सर्वे के बाद, कार्यदायी संस्था ने लोक निर्माण विभाग को एसडीए सदर को प्रत्रावली भेजी है, जो भूमि अधिग्रहण के लिए जारी की गई है। गाटा संख्या निर्धारित होने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद फोरलेन का निर्माण किया जाएगा। बढ़ते वाहनों के कारण शहर में आवागमन कठिन हो जाता है। बाईपास को फोरलेन में परिवर्तित करने का प्रयास इसलिए किया जा रहा है क्योंकि लोग अक्सर जाम की समस्या का सामना करते हैं। लोक निर्माण विभाग ने 70 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाया था, जिसे शासन से बजट मिला था। किसानों की भूमि खरीदने के बाद बचे हुए पैसे से फोरलेन का निर्माण किया जाएगा।


एनएच-233 से जुड़ने वाले जिले

कई जिले एनएच-233 से सीधे जुड़ जाएंगे

नरौली पर दूसरा पुल और फोरलेन बाईपास बनने के बाद, यह जिला वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन (एनएच-233) से सीधे जुड़ जाएगा। जनपद भंवरनाथ के बाद वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन से जुड़ा हुआ है। नरौली-भंवरनाथ तक फोरलेन बनने के बाद, यह नरौली पर आजमगढ़, मऊ फोरलेन और भंवरनाथ से सीधे वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन से जुड़ जाएगा। इससे लोगों की यात्रा में आसानी होगी।