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एयर इंडिया के पायलटों की बीमार छुट्टी: क्या है इसके पीछे का सच?

हाल ही में एयर इंडिया के 100 से अधिक पायलटों ने अचानक बीमार छुट्टी के लिए आवेदन किया है, जो एक गंभीर विमान दुर्घटना के बाद सामने आया है। नागरिक उड्डयन मंत्री ने इस पर चिंता जताई है और सभी एयरलाइनों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता समूह बनाने की सिफारिश की है। DGCA ने एयर इंडिया को सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया है। इस लेख में हम इस घटनाक्रम के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिसमें तकनीकी घटनाएं और जांच की स्थिति शामिल हैं।
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एयर इंडिया के पायलटों की बीमार छुट्टी: क्या है इसके पीछे का सच?

पायलटों की अचानक छुट्टी का मामला

गुरुवार को नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में जानकारी दी कि एयर इंडिया के 100 से अधिक पायलटों ने अचानक 'बीमार छुट्टी' के लिए आवेदन किया है। यह घटना उस ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना के चार दिन बाद हुई, जिसमें 274 लोगों की जान गई थी। यह बोइंग 787-8 विमान अहमदाबाद से उड़ान भरने के महज 32 सेकंड बाद एक छात्रावास पर गिर गया था।


पायलटों के मानसिक स्वास्थ्य पर चिंता

नायडू ने बताया कि दुर्घटना के दिन 61 कमांडर और 51 फ्लाइट ऑफिसर ने छुट्टी ली थी। उन्होंने इसे पायलटों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का संकेत माना और सभी एयरलाइनों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता समूह बनाने की सिफारिश की।


एयर इंडिया को DGCA का नोटिस

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एयर इंडिया को चार कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं, जो चालक दल की थकान, प्रशिक्षण प्रक्रियाओं और सुरक्षा मानकों के उल्लंघन से संबंधित हैं। एयर इंडिया ने पुष्टि की कि ये नोटिस पिछले 12 महीनों में की गई स्वैच्छिक रिपोर्टिंग के आधार पर मिले हैं।


एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, “हमने सभी आवश्यक खुलासे स्वेच्छा से किए हैं और नोटिस का जवाब समय पर देंगे। हम यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।”


तकनीकी घटनाओं की श्रृंखला

पिछले छह महीनों में एयर इंडिया को 13 अलग-अलग सुरक्षा नोटिस प्राप्त हुए हैं। हालिया मामला हांगकांग से दिल्ली लौटते एक एयरबस A321 विमान का है, जिसमें उतरने के बाद सहायक पावर यूनिट में आग लग गई। हालांकि, आग पर काबू पा लिया गया और कोई घायल नहीं हुआ।


इसके अलावा, कोच्चि-मुंबई उड़ान में इंजन कवर में डैमेज पाया गया और दिल्ली-कोलकाता उड़ान को तकनीकी गड़बड़ी के कारण उड़ान भरने से ठीक पहले रद्द करना पड़ा।


ईंधन स्विच से जुड़ी दुर्घटना की जांच

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, इंजन बंद होने का एक प्रमुख कारण ईंधन आपूर्ति स्विच का रन से कट-ऑफ मोड में जाना हो सकता है। ये स्विच ऐसे डिज़ाइन किए गए हैं कि उन्हें अनजाने में टच करना मुश्किल होता है, लेकिन दोनों स्विच कुछ सेकंड के अंतराल में बदल गए।


इस पर मीडिया में पायलट की गलती की अटकलें लगाई गईं, जिसे AAIB ने नकार दिया है। कैप्टन सुमित सभरवाल और फ्लाइट ऑफिसर क्लाइव कुंदर के बीच बातचीत को संदर्भित कर झूठी खबरें फैलाई गईं कि पायलटों ने ईंधन आपूर्ति बंद की थी, जबकि पायलट ने 'नहीं' कहा था।


विशेषज्ञ एजेंसियों की प्रतिक्रिया

AAIB के अलावा, अमेरिकी NTSB (राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड) ने भी इस तरह की रिपोर्टों को "गैर-जिम्मेदाराना" और "असत्यापित" बताया है। इस जांच में अमेरिका की एजेंसी भारत की मदद कर रही है।


अंतिम रिपोर्ट का इंतजार

हालांकि प्रारंभिक जांच से कुछ सुराग मिले हैं, लेकिन अंतिम रिपोर्ट का अभी इंतजार है। इस बीच, भारत सरकार ने सभी बोइंग जेट ऑपरेटरों को ईंधन स्विच की जांच अनिवार्य करने का आदेश दिया है। एयर इंडिया ने बताया है कि उसने अपनी जांच पूरी कर ली है और किसी भी तरह की तकनीकी समस्या नहीं मिली।