कम उम्र में सफेद बालों की समस्या: कारण और समाधान
कम उम्र में सफेद बालों की समस्या
नई दिल्ली: आजकल, युवाओं में कम उम्र में बालों का सफेद होना एक सामान्य समस्या बन गई है। पहले इसे उम्र बढ़ने का संकेत माना जाता था, लेकिन अब यह 18 से 20 साल के युवाओं में भी देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे केवल आनुवंशिकी नहीं, बल्कि शरीर में आवश्यक विटामिन और खनिजों की कमी भी एक महत्वपूर्ण कारण है। इसके अलावा, तनाव, असंतुलित आहार और खराब जीवनशैली भी इस समस्या को बढ़ाते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, बालों का रंग मेलेनिन नामक पिगमेंट से निर्धारित होता है, जो शरीर की मेलानोसाइट कोशिकाओं द्वारा निर्मित होता है। जब इन कोशिकाओं को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता या उनकी कार्यक्षमता में कमी आती है, तो मेलेनिन का उत्पादन कम हो जाता है, जिससे बालों का प्राकृतिक रंग समाप्त होने लगता है। इस कारण बाल सफेद दिखाई देने लगते हैं।
सफेद बालों का प्रमुख कारण
क्या होता है इसका कारण?
बालों का समय से पहले सफेद होना मुख्यतः विटामिन बी12 की कमी के कारण होता है, क्योंकि यह विटामिन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में और ऑक्सीजन को बालों की जड़ों तक पहुंचाने में मदद करता है। जब शरीर में इसकी कमी होती है, तो बालों की जड़ों को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता और मेलेनिन बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि शाकाहारी और शाकाहारी आहार लेने वालों में बी12 की कमी अधिक होती है, क्योंकि यह विटामिन मुख्यतः मांस, अंडे, मछली और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। इसके लिए इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना आवश्यक है।
बालों की सेहत के लिए आवश्यक तत्व
बालों की सेहत के लिए क्या है जरूरी?
विटामिन डी न केवल हड्डियों के लिए, बल्कि बालों की सेहत के लिए भी आवश्यक है। इसकी कमी से हेयर फॉलिकल्स कमजोर हो जाते हैं और मेलेनिन का निर्माण प्रभावित होता है। आजकल, लोगों की इनडोर जीवनशैली और धूप में कम समय बिताने के कारण युवाओं में विटामिन डी की कमी तेजी से बढ़ रही है। एक अध्ययन में यह पाया गया है कि जिन बच्चों में विटामिन डी का स्तर कम होता है, उनके बाल जल्दी सफेद हो जाते हैं।
सफेद बालों से बचाव के उपाय
कैसे करें बचाव?
इसकी कमी को पूरा करने के लिए रोजाना 15-20 मिनट धूप में रहना और फैटी मछली, दूध, मशरूम, अंडा और साबुत अनाज का सेवन करना फायदेमंद है। सफेद बालों से बचने के लिए संतुलित आहार, पर्याप्त धूप और तनाव से दूर रहना आवश्यक है। धूम्रपान से बचें, क्योंकि यह भी मेलेनिन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से विटामिन सप्लीमेंट्स का सेवन किया जा सकता है।
