करवा चौथ: पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण टिप्स

करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए एक विशेष अवसर है, जिसमें वे अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास करती हैं। इस वर्ष, करवा चौथ 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। कई महिलाएं इस दिन को पहली बार मनाने जा रही हैं। आइए जानते हैं कि पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
सरगी का महत्व
करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से पहले सरगी खाने से शुरू होता है। सास अपनी बहू को सरगी देती हैं, जिसमें फल, मिठाई, सूखे मेवे, पानी और सौंदर्य प्रसाधन शामिल होते हैं। पहली बार व्रत रखने वाली महिलाएं अक्सर सरगी खाना भूल जाती हैं, जो एक बड़ी गलती मानी जाती है। इसलिए, यह आवश्यक है कि वे सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और व्रत शुरू करने से पहले सरगी का सेवन करें।
वस्त्र और व्रत का पालन
करवा चौथ पर काले या सफेद वस्त्र पहनना अशुभ माना जाता है। इस दिन लाल, गुलाबी, पीला या मैरून रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है। नवविवाहित महिलाओं के लिए लाल वस्त्र पहनना और सोलह श्रृंगार करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
यह व्रत निर्जला होता है, जिसका अर्थ है कि इस दिन पानी भी नहीं पीना चाहिए। यदि प्यास लगे, तो किसी अन्य कार्य में व्यस्त रहें या ठंडे पानी से हाथ-मुँह धो लें। गलती से भी पानी पीने से व्रत टूट जाता है, इसलिए पूरे दिन श्रद्धा और संयम के साथ व्रत का पालन करें।
चंद्रमा के दर्शन और व्रत का समापन
यदि आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही हैं, तो शाम को चंद्रमा के उदय होने के बाद ही व्रत खोलें। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद, पहले छलनी से चंद्रमा को देखें और फिर अपने पति का चेहरा देखें। अपने पति के हाथ से जल पीकर और फिर भोजन करके व्रत का समापन करें। कई बार लोग चांद का इंतज़ार किए बिना ही जल्दी-जल्दी अपना व्रत तोड़ देते हैं, लेकिन इसे सही नहीं माना जाता।
छोटी-छोटी बातों का ध्यान
पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस दिन सुई, कैंची या चाकू जैसी नुकीली चीज़ों का उपयोग करने से बचें। इसके अलावा, किसी की बुराई करने से भी बचें और व्रत वाले दिन अपने हाथों पर मेहंदी लगाना न भूलें।