Newzfatafatlogo

किडनी रोग के चार सामान्य लक्षण जिन्हें न करें नजरअंदाज

किडनी का स्वास्थ्य बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। बदलती जीवनशैली के कारण किडनी को नुकसान हो सकता है। इस लेख में हम किडनी रोग के चार सामान्य लक्षणों के बारे में चर्चा करेंगे, जैसे भूख में कमी, पेशाब में बदलाव, पीठ में दर्द और लगातार थकान। इन लक्षणों को पहचानकर समय पर उपचार करना आवश्यक है। जानें कैसे इन लक्षणों से किडनी की समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।
 | 
किडनी रोग के चार सामान्य लक्षण जिन्हें न करें नजरअंदाज

किडनी के स्वास्थ्य का महत्व

किडनी का मुख्य कार्य शरीर से विषाक्त पदार्थों को छानना है, इसलिए इनका स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है। हालाँकि, आधुनिक जीवनशैली के कारण किडनी को कई नुकसान हो सकते हैं। यदि किडनी की बीमारी का समय पर पता लगाया जाए, तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। लेकिन कई बार इसके लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि लोग इन्हें अनदेखा कर देते हैं। आइए जानते हैं किडनी रोग के चार प्रमुख लक्षण।


भूख में कमी

भूख न लगना

किडनी रोग का एक आम लक्षण भूख में कमी है। जब किडनी सही से कार्य नहीं करती, तो शरीर में विषाक्त पदार्थों का संचय होने लगता है। ये विषाक्त पदार्थ पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं, जिससे मतली, उल्टी और भूख में कमी जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। कभी-कभी मुँह में धातु जैसा स्वाद आना या खाने के स्वाद में बदलाव भी इसका संकेत हो सकता है। यदि आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती और अचानक वजन घटता है, तो यह किडनी की समस्या का संकेत हो सकता है।


पेशाब में परिवर्तन

पेशाब में बदलाव

पेशाब के पैटर्न में परिवर्तन किडनी रोग का प्रारंभिक संकेत हो सकता है। इस दौरान पेशाब में निम्नलिखित बदलाव देखे जा सकते हैं:

  • बार-बार पेशाब आना, विशेषकर रात में
  • पेशाब का रंग गहरा या खून जैसा होना
  • पेशाब में झाग आना
  • पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होना
  • पेशाब की मात्रा सामान्य से कम या अधिक होना
  • ये बदलाव इस बात का संकेत हैं कि गुर्दे रक्त को सही तरीके से फ़िल्टर नहीं कर पा रहे हैं।


पीठ में दर्द

पीठ में दर्द

गुर्दे शरीर के निचले हिस्से में होते हैं। गुर्दे में संक्रमण, सूजन या पथरी के कारण पीठ के निचले हिस्से में एक या दोनों तरफ दर्द हो सकता है। यह दर्द सामान्य पीठ दर्द से भिन्न होता है और अक्सर गहरा होता है। गुर्दे का दर्द बैठने या हिलने-डुलने से नहीं बदलता और अक्सर बुखार, मतली या पेशाब में बदलाव के साथ होता है।


लगातार थकान

लगातार थकान

स्वस्थ गुर्दे एक हार्मोन का स्राव करते हैं जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। लेकिन जब गुर्दे को नुकसान पहुँचता है, तो यह हार्मोन कम बनता है, जिससे शरीर में रक्त की कमी हो जाती है। इससे शरीर के हर हिस्से तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाती और लगातार थकान और कमजोरी महसूस होती है।