केरल की छात्रा ने ईसीजी के लिए बनाया अनोखा गाउन, महिलाओं को कपड़े उतारने की जरूरत नहीं

महिलाओं के लिए ईसीजी गाउन का आविष्कार
जब महिलाएं ईसीजी कराने जाती हैं, तो उन्हें अक्सर कपड़े उतारने की आवश्यकता होती है, क्योंकि इलेक्ट्रोड्स छाती पर लगाए जाते हैं। केरल की एक छात्रा ने एक महिला को इस प्रक्रिया में असहज होते देखा और इस समस्या का समाधान खोजने का निर्णय लिया। अब, उसने एक ऐसा गाउन विकसित किया है, जिससे महिलाओं को कपड़े उतारने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
मालविका बायजू का अनोखा आविष्कार
कोच्चि की निवासी मालविका बायजू, जो राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (NID) अहमदाबाद की छात्रा हैं, ने बायोडिग्रेडेबल ईसीजी इलेक्ट्रोड और महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया गाउन तैयार किया है। इस नवाचार के लिए उन्हें सब्सिडी भी प्राप्त हुई है।
मेडिकल कचरे की समस्या
मालविका ने बताया कि ईसीजी इलेक्ट्रोड का उपयोग बड़ी मात्रा में होता है, जो आमतौर पर सिंथेटिक पॉलिमर से बने होते हैं और इन्हें रिसाइकल नहीं किया जा सकता। इस कारण से, मेडिकल कचरे में प्लास्टिक की अधिकता देखकर उन्हें चिंता हुई।
खाद्य सामग्री से मिला समाधान
डेढ़ साल तक इस समस्या का समाधान खोजने के बाद, मालविका ने अपने घर में एक खाद्य सामग्री, टैपिओका, का उपयोग किया। उन्होंने पाया कि इसमें घुलनशील स्टार्च की मात्रा काफी अधिक है, जो उनके शोध में सहायक साबित हुआ।
इलेक्ट्रोड के लिए बायोपॉलिमर फिल्म
मालविका ने टैपिओका स्टार्च से एक बायोपॉलिमर फिल्म विकसित की है, जो ईसीजी इलेक्ट्रोड में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक प्लास्टिक की जगह ले सकती है। वर्तमान इलेक्ट्रोड को समाप्त होने में 35-45 साल लगते हैं, जबकि उनकी फिल्म मात्र 40-55 दिन में नष्ट हो जाती है।
विशेष गाउन का डिजाइन
ईसीजी इलेक्ट्रोड्स के बारे में जानकारी जुटाते समय, मालविका ने एक महिला को कपड़े उतारने में असहज पाया। इसके बाद, उन्होंने जेबों और थैलियों वाला एक गाउन डिजाइन किया, जिससे मरीजों को कपड़े उतारे बिना ही सेंसर लगाए जा सकें। इस डिजाइन को भारतीय पेटेंट कार्यालय से पंजीकरण प्रमाणपत्र भी प्राप्त हुआ है।
भविष्य की योजनाएं
मालविका ने बताया कि भारत में उनके शोध के लिए संसाधन सीमित हैं, इसलिए वह विदेश में पीएचडी करना चाहती हैं ताकि अपने डिज़ाइनों को और बेहतर बना सकें। उन्होंने पहले अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई की और फिर NID में दाखिला लिया।