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कैंची धाम: आस्था और चमत्कारों का अद्भुत केंद्र

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम आश्रम, नीब करोली बाबा की उपस्थिति से भरा हुआ एक अद्भुत धार्मिक स्थल है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, जो अपनी इच्छाओं के लिए बाबा से प्रार्थना करते हैं। बाबा की साधना और चमत्कारों की कहानियां इस स्थान को और भी खास बनाती हैं। 15 जून को यहां आयोजित भव्य मेले में देश-विदेश से भक्त शामिल होते हैं। इस लेख में जानें कैंची धाम की स्थापना, बाबा की परंपराएं और उनके प्रसिद्ध भक्तों के बारे में।
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कैंची धाम: आस्था और चमत्कारों का अद्भुत केंद्र

कैंची धाम: एक अद्वितीय धार्मिक स्थल

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम आश्रम केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह आस्था, श्रद्धा और चमत्कारों का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है। यहां नीब करोली बाबा के दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। यह धाम न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों से भक्तों को आकर्षित करता है, बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस पवित्र स्थल पर सच्चे मन से अपनी मुराद लेकर आता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है। इसी कारण हर साल 15 जून को यहां एक भव्य मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों भक्त शामिल होते हैं। यह आयोजन बाबा नीब करोली की स्मृति में श्रद्धा के साथ मनाया जाता है और इसे देखने के लिए हर साल बड़ी भीड़ उमड़ती है।


नीब करोली बाबा: हनुमान जी के अनन्य भक्त

नीब करोली बाबा को हनुमान जी का अवतार माना जाता है। बाबा साधारण जीवन जीते थे – धोती पहनते थे और हमेशा कंबल ओढ़े रहते थे। उनकी यही वेशभूषा आज उनके भक्तों की श्रद्धा का प्रतीक बन गई है। आश्रम परिसर में पांच प्रमुख देवी-देवताओं के मंदिर हैं, जिनमें हनुमान जी का मंदिर विशेष महत्व रखता है। बाबा नीब करोली ने अपने जीवन में देशभर में हनुमान मंदिरों की स्थापना की और अनेक चमत्कार किए।


कंबल चढ़ाने की परंपरा: श्रद्धा का प्रतीक

बाबा नीब करोली को उनके भक्त कंबल चढ़ाते हैं, जो उनकी साधना और जीवनशैली से जुड़ा एक गहरा भावनात्मक संबंध है। बाबा अक्सर कंबल ओढ़े रहते थे और कहा जाता है कि उन्होंने अपने कई चमत्कार इसी कंबल के माध्यम से दिखाए। यही कारण है कि आज भी श्रद्धालु कैंची धाम पहुंचकर उन्हें कंबल अर्पित करते हैं। यह कंबल श्रद्धा, विश्वास और बाबा की कृपा का प्रतीक बन चुका है।


कैंची धाम की स्थापना और महत्व

1964 में नीब करोली बाबा ने कैंची धाम की स्थापना की थी। यह धाम नैनीताल के पहाड़ी इलाके में, देवदार के घने वृक्षों के बीच बसा हुआ एक शांत और आध्यात्मिक स्थल है। बाबा की समाधि पंतनगर में स्थित है, जहां उनके अनुयायी नियमित दर्शन और पूजा के लिए जाते हैं।


बाबा नीब करोली के प्रसिद्ध विदेशी भक्त

नीब करोली बाबा की ख्याति सीमाओं से परे जाकर वैश्विक स्तर तक पहुंच चुकी है। उनके श्रद्धालुओं में कई प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय हस्तियां शामिल हैं:



  • स्टीव जॉब्स (एप्पल के सह-संस्थापक) ने भारत यात्रा के दौरान बाबा नीब करोली के दर्शन किए थे।


  • फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने भी भारत यात्रा में कैंची धाम जाने की बात सार्वजनिक रूप से मानी थी।


  • हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स भी बाबा की भक्त रहीं।


  • अमेरिकी लेखक रिचर्ड एलपर्ट (राम दास) ने बाबा पर प्रसिद्ध किताब ‘Miracle of Love’ लिखी, जो विश्वभर में चर्चित है।



यह तथ्य दर्शाता है कि कैंची धाम सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि विश्वभर में श्रद्धा और अध्यात्म का केंद्र बन चुका है


निष्कर्ष

कैंची धाम में नीब करोली बाबा की उपस्थिति आज भी भक्तों के हृदय में जीवित है। हर साल 15 जून को लगने वाला मेला, बाबा को अर्पित कंबल, और विश्वभर से उमड़ती श्रद्धा — यह सब मिलकर कैंची धाम को एक दिव्य और चमत्कारी स्थल बनाते हैं। यहां आकर केवल शरीर नहीं, आत्मा भी शुद्ध होती है। यही कारण है कि यहां आने वाला हर भक्त, लौटते समय एक नई ऊर्जा, विश्वास और शांति के साथ जीवन में लौटता है