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क्या खाने-पीने की कीमतों में असमानता से परेशान हैं? रवि किशन ने उठाया बड़ा मुद्दा

भाजपा सांसद रवि किशन ने लोकसभा में एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है, जिसमें उन्होंने होटल और रेस्टोरेंट में खाद्य सामग्री की कीमतों, गुणवत्ता और मात्रा को नियंत्रित करने के लिए एक सख्त कानून बनाने की मांग की। उन्होंने बताया कि देशभर में एक ही व्यंजन की कीमतें अलग-अलग होती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को आर्थिक नुकसान होता है। रवि किशन ने इस असमानता को दूर करने के लिए सरकार से हस्तक्षेप की अपील की है। जानें इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है और इसके पीछे की पूरी कहानी।
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क्या खाने-पीने की कीमतों में असमानता से परेशान हैं? रवि किशन ने उठाया बड़ा मुद्दा

रवि किशन का अनोखा प्रस्ताव

रवि किशन: भाजपा के सांसद और अभिनेता रवि किशन ने लोकसभा में एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाते हुए सरकार से अनुरोध किया है कि होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में खाद्य सामग्री की कीमतों, गुणवत्ता और मात्रा को नियंत्रित करने के लिए एक सख्त कानून बनाया जाए। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में एक ही व्यंजन की कीमतें भिन्न होती हैं, जिससे आम उपभोक्ता को भ्रम और आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।


खाद्य सामग्री की कीमतों में असमानता

रवि किशन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, लेकिन खाद्य सामग्री की कीमतों पर नियंत्रण का मुद्दा अब तक अनदेखा रहा है। उन्होंने इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि आम जनता को गुणवत्तापूर्ण और किफायती भोजन मिल सके।


उपभोक्ताओं के हित में सरकार का हस्तक्षेप जरूरी

रवि किशन ने लोकसभा में कहा, "कहीं छोटे समोसे की कीमत अलग है, तो कहीं बड़े समोसे की। यह स्थिति उपभोक्ताओं के लिए उचित नहीं है और इसे सुधारने के लिए सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए।" उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि एक ढाबे में दाल तड़का 100 रुपये में मिलती है, जबकि किसी होटल में यह 1000 रुपये तक पहुंच जाती है।


गुणवत्ता और मात्रा में भी असमानता

भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि केवल कीमतों में ही नहीं, बल्कि गुणवत्ता और मात्रा में भी भिन्नता देखी जाती है। कुछ स्थानों पर ग्राहकों को उचित मात्रा में खाना नहीं दिया जाता, जबकि कीमतें अधिक होती हैं।


सरकार से कानून लाने की अपील

रवि किशन ने लोकसभा में कहा, "मैं सरकार से मांग करता हूं कि खाद्य सामग्री की कीमत, गुणवत्ता और मात्रा को नियंत्रित करने वाला एक कानून लाया जाए, ताकि ग्राहकों को उचित दामों पर उचित गुणवत्ता का भोजन मिल सके।" उन्होंने कहा कि इस पहल से आम जनता को राहत मिलेगी और व्यावसायिक पारदर्शिता भी बढ़ेगी।