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क्या टैटू बनवाना सही है? जानें संत प्रेमानंद जी महाराज की राय

टैटू बनवाने का चलन आजकल काफी बढ़ गया है, लेकिन क्या यह सही है? संत प्रेमानंद जी महाराज ने इस विषय पर एक भक्त को महत्वपूर्ण सलाह दी है। उन्होंने बताया कि भगवान या उनके प्रतीकों का टैटू बनवाना क्यों गलत हो सकता है। जानें उनके विचार और टैटू के साथ जुड़ी सावधानियों के बारे में।
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क्या टैटू बनवाना सही है? जानें संत प्रेमानंद जी महाराज की राय

टैटू का बढ़ता चलन


आजकल टैटू बनवाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। फैशन के इस दौर में लोग अपने शरीर पर विभिन्न प्रकार के टैटू बनवाते हैं। धार्मिक आस्था रखने वाले लोग अक्सर अपने प्रिय देवी-देवताओं या उनके प्रतीकों का टैटू बनवाते हैं। उदाहरण के लिए, महादेव के भक्त अपने हाथों या पीठ पर भोलेनाथ या उनके त्रिशूल का टैटू बनवाते हैं। उनका मानना है कि यह टैटू उनकी भक्ति और समर्पण को दर्शाता है, जिससे वे अपने प्रियतम के करीब महसूस करते हैं। लेकिन क्या भगवान का टैटू बनवाना उचित है?


संत प्रेमानंद जी महाराज की सलाह

संत प्रेमानंद जी महाराज ने इस विषय पर एक भक्त को मार्गदर्शन दिया। एक शिव भक्त, जो अपने बाएं हाथ पर त्रिशूल और दूसरे हाथ पर महादेव का नाम लिखा हुआ टैटू लेकर आया था, प्रेमानंद जी के पास गया। जब उसने अपने टैटू पर ध्यान दिया, तो प्रेमानंद जी ने उसे चुटकी में दबा लिया और बताया कि भगवान या उनके प्रतीकों का टैटू क्यों नहीं बनवाना चाहिए।


प्रेमानंद जी ने कहा कि तुमने अपने बाएं हाथ पर त्रिशूल का टैटू बनवाया है, जबकि बाएं हाथ का उपयोग शौच के लिए किया जाता है। जब तुम नहाते हो, तो शरीर पर गिरने वाला पानी पहले त्रिशूल या देवी के टैटू पर गिरता है और फिर तुम्हारे पैरों तक पहुंचता है। इससे कहीं न कहीं अपराध की संभावना बनती है। इसलिए मेरा मानना है कि भगवान का नाम या प्रतीक टैटू के रूप में नहीं होना चाहिए।


युवक को दिए गए सुझाव

प्रेमानंद जी ने उस युवक को सलाह दी कि वह त्रिशूल का एक सुंदर चित्र बनाए और उसमें महादेव का नाम लिखे। युवक ने कहा कि अगली बार जब वह आएगा, तो वह इस सुझाव को ध्यान में रखेगा।


कई बार लोग अनजाने में भगवान का टैटू बनवा लेते हैं। जब लोग रुद्राक्ष पहनते हैं, तो वे नहाने और शौच के दौरान उसे निकालकर अलग रखते हैं। लेकिन टैटू के साथ समस्या यह है कि इसे रुद्राक्ष की माला की तरह नहीं उतारा जा सकता। इस स्थिति में व्यक्ति को अपराध बोध महसूस हो सकता है। टैटू के साथ-साथ मेहंदी डिजाइन बनाते समय भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए।