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गुजरात का एआई एक्शन प्लान: डिजिटल गवर्नेंस में नई दिशा

गुजरात ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में एक नई एआई कार्यान्वयन योजना को मंजूरी दी है, जो डिजिटल गवर्नेंस को सशक्त बनाएगी। इस योजना के तहत, एआई का उपयोग नागरिकों के लिए योजनाओं और सेवाओं को तेजी से लागू करने के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही, एक नवोन्मेषी एआई पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना की जाएगी, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जानें इस योजना के प्रमुख पहलुओं और इसके प्रभाव के बारे में।
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गुजरात का एआई एक्शन प्लान: डिजिटल गवर्नेंस में नई दिशा

गुजरात में एआई का प्रभावी उपयोग

गुजरात की शासन प्रणाली में स्मार्ट निर्णय लेने, नागरिकों के लिए योजनाओं, सेवा वितरण और कल्याणकारी योजनाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से तेजी से लागू करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 2025-2030 के लिए एआई कार्यान्वयन योजना को मंजूरी दी है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल सशक्तिकरण और तकनीकी क्षेत्र में भारत को वैश्विक नेता बनाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।


नवोन्मेषी एआई पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमनाथ में आयोजित वार्षिक चिंतन शिविर में टेक्नोलॉजी-आधारित शासन और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एआई के उपयोग की घोषणा की। इस दिशा में, गवर्नेंस, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और फिनटेक जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एआई को लागू करने के लिए 10 सदस्यीय विशेषज्ञ एआई टास्कफोर्स का गठन किया गया है।


एआई और डीप टेक मिशन की स्थापना

यह कार्य योजना राज्य सरकार को अत्याधुनिक एआई क्षमताओं से लैस करने के लिए एक समयबद्ध ब्लूप्रिंट के रूप में कार्य करेगी। इसके अंतर्गत नागरिकों के जीवन में सुधार और सेवा वितरण की सरलता सुनिश्चित करने के लिए एक समृद्ध एआई पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया जाएगा।


डेटा और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर

एक सुरक्षित और इंटरऑपरेबल डेटा पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित कर एआई डेटा गवर्नेंस ढांचे का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही, टियर-2 और टियर-3 शहरों में एआई फैक्ट्रियों और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया जाएगा।


राज्य स्तरीय एआई डेटा रिपॉजिटरी

इस कार्य योजना का चरणबद्ध क्रियान्वयन राज्य स्तरीय एआई डेटा रिपॉजिटरी की स्थापना और विभागीय पायलट प्रोजेक्ट्स के माध्यम से किया जाएगा। यह प्रयास एआई के समुचित एकीकरण को बढ़ावा देगा और एक नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करेगा।