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गुजरात की हैंडीक्राफ्ट और चणियाचोली उद्योग पर ट्रंप के टैरिफ का गंभीर प्रभाव

अमेरिका द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद पर लगाए गए 50% टैरिफ का गुजरात के चणियाचोली और हैंडीक्राफ्ट उद्योग पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। नवरात्रि के दौरान इन उत्पादों की मांग में कमी आई है, जिससे व्यापारियों और कारीगरों की आय पर संकट मंडरा रहा है। निर्यात में 50% तक की गिरावट की आशंका है, और स्थानीय कारीगरों ने सरकार से सब्सिडी की मांग की है। जानें इस स्थिति का विस्तार से।
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गुजरात की हैंडीक्राफ्ट और चणियाचोली उद्योग पर ट्रंप के टैरिफ का गंभीर प्रभाव

टैरिफ का असर नवरात्रि के व्यापार पर

गुजरात उद्योग पर ट्रंप के टैरिफ का प्रभाव: अमेरिका द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद पर लगाए गए 50% टैरिफ का असर अब नवरात्रि के चणियाचोली और हैंडीक्राफ्ट निर्यात पर भी देखने को मिल रहा है। नवरात्रि को विश्व का सबसे बड़ा डांस फेस्टिवल माना जाता है, और इस दौरान उपयोग होने वाले चणियाचोली और टेक्सटाइल उत्पादों पर यह अतिरिक्त बोझ संकट उत्पन्न कर रहा है।


हैंडक्राफ्ट व्यापारियों की चिंता

गुजरात के चणियाचोली और हैंडीक्राफ्ट व्यापारियों का कहना है कि इस टैरिफ के कारण उनके निर्यात में लगभग 50% की कमी आई है। कारीगरों ने पूरे वर्ष उत्पादन की तैयारी की थी, लेकिन अब ऑर्डर में कमी आ रही है। एक हैंडलूम व्यापारी के अनुसार, चणियाचोली के साथ कच्छ और सौराष्ट्र के हजारों परिवार जुड़े हुए हैं। बीड वर्क, एप्लिक वर्क, हैंड एम्ब्रॉइडरी और मशीन एम्ब्रॉइडरी से जुड़े कारीगरों पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। यदि स्थिति इसी तरह बनी रही, तो टेक्सटाइल उत्पादों की बिक्री में 60-70% तक की गिरावट आ सकती है।


सरकार से सब्सिडी की मांग

भारत के निर्यातक सरकार से 10% सब्सिडी की मांग कर रहे हैं ताकि वे होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकें। भारत से अमेरिका को हैंडलूम उत्पादों का निर्यात लगभग 4,200 करोड़ रुपए है। हैंडीक्राफ्ट निर्यात में अमेरिका का हिस्सा 38% है, जिसकी वैल्यू 2022-23 में 9,576 से 23,860 करोड़ रुपए रही थी। गुजरात के सूरत और अहमदाबाद से अमेरिका को टेक्सटाइल और हैंडीक्राफ्ट का निर्यात 29,400 करोड़ रुपए का होता है, जिसमें चणियाचोली का महत्वपूर्ण योगदान है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 27 अगस्त 2025 से लागू 50% टैरिफ के कारण गुजरात के निर्यात में 50-70% की कमी आ सकती है।


स्थानीय कारीगरों की स्थिति

गुजरात में 52 प्रकार के हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट कलाकार काम कर रहे हैं। इनकी आय स्थानीय व्यापार और निर्यात पर निर्भर है। टैरिफ का असर उनकी रोज़ी-रोटी पर भी पड़ सकता है। हालांकि, भारत का स्थानीय बाजार मजबूत है, जिससे दीर्घकालिक में स्थिति में सुधार हो सकता है। लेकिन वर्तमान में, अमेरिकी बाजार पर निर्भर व्यापारी और कारीगर निराशा और अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं।