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गुरुग्राम की सफाई व्यवस्था पर फ्रांसीसी महिला का गुस्सा: क्या है असली समस्या?

गुरुग्राम में एक फ्रांसीसी महिला, मैथिल्डे आर, ने शहर की सफाई व्यवस्था पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने इसे 'सुअर के घर' की संज्ञा दी और कहा कि लोग यहाँ जानवरों की तरह जीने को मजबूर हैं। उनके इस बयान ने स्थानीय नागरिकों की भी नाराजगी को उजागर किया है, जो गंदगी और टूटी सड़कों से परेशान हैं। MCG के अधिकारियों ने सफाईकर्मियों की कमी को समस्या का कारण बताया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है और नागरिकों की क्या प्रतिक्रियाएँ हैं।
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गुरुग्राम की सफाई व्यवस्था पर फ्रांसीसी महिला का गुस्सा: क्या है असली समस्या?

गुरुग्राम में गंदगी पर उठी आवाज़

गुरुग्राम में निवास कर रही एक फ्रांसीसी महिला, मैथिल्डे आर, ने शहर में फैली गंदगी को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने इसे 'सुअर के घर' की संज्ञा दी और कहा कि लोग यहाँ 'जानवरों की तरह' जीने को मजबूर हैं। यह टिप्पणी उन्होंने एक्स पर साझा की।


मैथिल्डे का परिचय

मैथिल्डे, जो फ्रांस की नागरिक हैं और एक भारतीय से विवाह कर चुकी हैं, लंबे समय से गुरुग्राम में रह रही हैं। वह अक्सर शहर की सफाई व्यवस्था पर अपनी राय व्यक्त करती हैं। हाल ही में, उन्होंने गुरुग्राम को 'कचरे का ढेर' बताया।


सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणियाँ


मैथिल्डे ने लिखा, "जो शहर एक शानदार, आधुनिक और शांत जगह बन सकता था, वह अब कचरे के ढेर में बदल चुका है। मेरे कई विदेशी मित्र या तो दिल्ली लौट रहे हैं या भारत छोड़ने का विचार कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही है और लोग सिस्टम को भ्रष्ट मानने लगे हैं।


स्थानीय नागरिकों की नाराजगी

मैथिल्डे की तरह, कई स्थानीय लोग भी सोशल मीडिया पर गंदगी के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। जगह-जगह कूड़े के ढेर, गंदा पानी और टूटी सड़कों के कारण नागरिक परेशान हैं। लोग यह सवाल कर रहे हैं कि उनके टैक्स का पैसा कहाँ जा रहा है।


सफाई का जिम्मा प्रवासियों पर

गुरुग्राम में सफाई का कार्य अस्थायी या प्रवासी सफाईकर्मियों पर निर्भर रहा है। हाल ही में 'बांग्लादेशी-रोहिंग्या पहचान' पर चलाए गए अभियान के कारण कई प्रवासी शहर छोड़ चुके हैं, जिससे सफाई में कमी आई है।


कूड़ा खुद हटाना पड़ रहा

सेक्टर 103, पालम विहार, और अन्य क्षेत्रों में गंदगी का अंबार लग गया है। कुछ हाउसिंग सोसाइटीज को अपने खर्च पर ट्रैक्टर मंगवाकर कूड़ा हटवाना पड़ रहा है।


MCG अधिकारी की प्रतिक्रिया

गुरुग्राम म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (MCG) के कमिश्नर प्रदीप दहिया ने सफाईकर्मियों की कमी को समस्या का कारण माना है। उन्होंने कहा कि प्रवासी सफाईकर्मियों के चले जाने से काम प्रभावित हुआ है।


नागरिकों का ज्ञापन

सोमवार को 'सिटिजन्स फॉर क्लीन एयर' नामक संस्था ने MCG कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा और सफाई की स्थिति में सुधार की मांग की।


गुरुग्राम, जिसे पहले 'साइबर सिटी' कहा जाता था, अब गंदगी और अव्यवस्था के कारण लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है। अब देखना यह है कि स्थानीय प्रशासन इस पर कितनी जल्दी और प्रभावी कार्रवाई करता है।