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गुरुग्राम में रियल एस्टेट की गति धीमी, नोएडा में मांग में वृद्धि

गुरुग्राम का रियल एस्टेट बाजार हाल के समय में धीमा हो गया है, जबकि नोएडा में मांग स्थिर बनी हुई है। डेवलपर्स अब खरीदारों को आकर्षित करने के लिए भारी छूट दे रहे हैं। बेंगलुरु और पुणे में भी प्रॉपर्टी की मांग में वृद्धि देखी जा रही है। जानें इस क्षेत्र में और क्या चल रहा है।
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गुरुग्राम में रियल एस्टेट की गति धीमी, नोएडा में मांग में वृद्धि

गुरुग्राम का रियल एस्टेट बाजार

Greater Noida News: हाल के समय में गुरुग्राम का रियल एस्टेट क्षेत्र धीमा पड़ गया है। लंबे समय तक तेजी से चलने वाला यह बाजार अब ठहराव की स्थिति में है। विशेष रूप से, उच्च मूल्य वाली प्रॉपर्टी सेगमेंट में मांग में कमी आई है, जबकि 2 से 4 करोड़ रुपये की श्रेणी में प्रॉपर्टी के खरीदारों की रुचि अभी भी बनी हुई है।


डेवलपर्स द्वारा छूट की पेशकश

डेवलपर्स दे रहे भारी छूट
एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, कई डेवलपर्स अब खरीदारों को आकर्षित करने के लिए बड़ी छूट देने लगे हैं। हालांकि, विश्वसनीय और प्रतिष्ठित डेवलपर्स को अधिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है। नोएडा में मांग अभी भी स्थिर है, जबकि बाजार सप्लाई की कमी से जूझ रहा है।


नई परियोजनाओं के लिए प्रतिस्पर्धा

नए प्रोजेक्ट के बीच प्रतिस्पर्धा
रिपोर्ट में बताया गया है कि मजबूत बैलेंस शीट और प्री-सेल्स को बढ़ाने के प्रयास के कारण डेवलपर्स के बीच नई परियोजनाओं के अधिग्रहण में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। विशेष रूप से एमएमआर और गुरुग्राम में पुनर्विकास परियोजनाओं के लिए वैल्यूएशन बढ़ रहे हैं, जिससे डेवलपर्स के लाभ पर दबाव पड़ सकता है। हालांकि, जिन कंपनियों के पास अगले कुछ वर्षों के लिए ठोस परियोजना पाइपलाइन है, वे लाभ में रह सकती हैं।


बेंगलुरु और पुणे में मांग

बेंगलुरु में जबरदस्त मांग
उत्तर भारत के बाहर, बेंगलुरु में जुलाई और अगस्त के दौरान रियल एस्टेट की मांग उत्साहजनक रही है। आईटी क्षेत्र में छंटनी के बावजूद, यहां प्रॉपर्टी की अच्छी खपत देखी गई है। 2 करोड़ रुपये से कम कीमत की प्रॉपर्टी अभी भी खरीदारों की प्राथमिकता है, जबकि 2 करोड़ से ऊपर की प्रॉपर्टी में भी मांग बनी हुई है।


पुणे में भी मांग बरकरार
पुणे के हिन्जेवाड़ी और हडपसर जैसे क्षेत्रों में भी मजबूत मांग देखी जा रही है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि देश में ब्याज दरों में गिरावट आई है (वर्तमान रेपो रेट 5.5 प्रतिशत है) और जल्द ही इसमें कटौती की उम्मीद है।