गुरुग्राम मेट्रो परियोजना में अंडरपास निर्माण की नई योजना
गुरुग्राम मेट्रो: अंडरपास की संख्या में कमी
गुरुग्राम (Gurugram Metro): ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो परियोजना के तहत अब छह अंडरपास के बजाय केवल दो अंडरपास का निर्माण किया जाएगा।
पहले चरण में बख्तावर चौक से सेक्टर-नौ तक और दूसरे चरण में बजहेड़ा चौक से साइबर सिटी तक अंडरपास बनाने की योजना है। अन्य अंडरपास का निर्माण मेट्रो के बाद किया जाएगा।
28.5 किलोमीटर मेट्रो रूट का निर्माण
गुरुग्राम मेट्रो: 28.5 किलोमीटर मेट्रो रूट का निर्माण
गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) द्वारा मिलेनियम सिटी सेंटर से साइबर सिटी तक 28.5 किलोमीटर लंबा मेट्रो रूट तैयार किया जाएगा। पहले चरण में मिलेनियम सिटी से सेक्टर नौ तक सिविल वर्क जारी है। निर्माण कंपनी ने पाइल टेस्टिंग और पिलर निर्माण के लिए सड़कों पर बैरिकेडिंग कर दी है।
कंपनी का कार्य प्रगति पर है और इसे तेजी से पूरा करने की योजना है। बख्तावार चौक मेट्रो के मुख्य कॉरिडोर में स्थित है, जिससे स्थानीय यातायात पर कम प्रभाव पड़ेगा। यहां अंडरपास और मेट्रो का पिलर एक साथ बनेगा।
दूसरे चरण में अंडरपास निर्माण
दूसरे चरण में सेक्टर नौ से साइबर सिटी कॉरिडोर में जीएमआरएल को गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के पांच अंडरपास बनाने का कार्य सौंपा गया है। जीएमडीए और जीएमआरएल की टीम ने अंडरपास निर्माण का निरीक्षण किया है।
जीएमआरएल के एक अधिकारी ने बताया कि पुराने शहर के पांच अंडरपास में से चार मेट्रो कॉरिडोर में नहीं आ रहे हैं। बजहेड़ा चौक को छोड़कर अन्य चौक मेट्रो की लाइन से कुछ दूरी पर हैं।
यातायात पर प्रभाव
अंडरपास और मेट्रो निर्माण के चलते इस क्षेत्र का यातायात प्रभावित होगा, जिससे लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। इसलिए, मेट्रो के साथ उन अंडरपास का निर्माण किया जाना चाहिए जो सीधे मेट्रो कॉरिडोर में आते हैं।
हाल ही में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में यह सहमति बनी कि पूरे कॉरिडोर में बख्तावर चौक और बजहेड़ा चौक पर पहले अंडरपास का निर्माण किया जाएगा।
मेट्रो का तर्क
क्या है मेट्रो का तर्क
पुराने शहर में पांच अंडरपास हैं। सेक्टर-5 चौक और शीतला माता चौक एक किलोमीटर की दूरी पर हैं। अंडरपास के लिए खुदाई से सड़क का यातायात प्रभावित होगा। सड़क की चौड़ाई भी सीमित है। इसके अलावा, पालम विहार रोड पर बजहेड़ा चौक और दिल्ली रोड के आगे बड़े स्तर पर सीवर और पानी की लाइनों को स्थानांतरित करने की आवश्यकता होगी।
इससे पुराने शहर का यातायात काफी प्रभावित होगा। इसलिए, बेहतर होगा कि जो अंडरपास मेट्रो कॉरिडोर में हैं, उन पर पहले काम किया जाए।
जीएमडीए का तर्क
ये है जीएमडीए का तर्क
जीएमडीए का कहना है कि मेट्रो के साथ काम होने से एक बार ही यातायात प्रभावित होगा। लोगों को एक बार ही असुविधा का सामना करना पड़ेगा। मेट्रो निर्माण के लिए पिलर के लिए खुदाई होगी और बाद में अंडरपास के लिए फिर से खुदाई करनी होगी। इसलिए, एक साथ दोनों कार्य कराना बेहतर होगा।
निर्माण स्थलों की जानकारी
इन जगहों पर बनने हैं अंडरपास
सेक्टर 3ए/4/5 में रेलवे रोड चौक, सेक्टर-5 जंक्शन से शीतला माता रोड (वन वे), बजघेड़ा रोड (कृष्णा चौक), रेजांगला चौक, पुरानी दिल्ली रोड जंक्शन और बख्तावर चौक पर अंडरपास का निर्माण किया जाएगा। इन सभी के निर्माण की अनुमानित लागत लगभग 350 करोड़ रुपये है। सीएम की अध्यक्षता में हुई जीएमडीए बोर्ड की बैठक में इसे मंजूरी मिल चुकी है।
