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गुस्से का स्वास्थ्य पर प्रभाव: जानें कैसे यह आपके दिल को कर सकता है नुकसान

गुस्सा एक सामान्य भावना है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपके दिल और समग्र स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है? हाल के अध्ययनों से पता चला है कि गुस्सा हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि गुस्सा कैसे आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, जिसमें पाचन तंत्र, मांसपेशियों और हृदय पर इसके प्रभाव शामिल हैं। जानें कि कैसे गुस्सा आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और इससे बचने के उपाय।
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गुस्से का स्वास्थ्य पर प्रभाव: जानें कैसे यह आपके दिल को कर सकता है नुकसान

गुस्से का प्रभाव और स्वास्थ्य

हम सभी कभी न कभी अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं, जो कि परिस्थिति और व्यक्ति के अनुसार भिन्न हो सकती हैं। उदासी, खुशी और गुस्सा ऐसी भावनाएँ हैं, जो न केवल हमारे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती हैं। विशेष रूप से, गुस्सा हमारे स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, और क्या आप जानते हैं कि यह आपके दिल को भी नुकसान पहुँचा सकता है? हाँ, आपने सही सुना। गुस्सा दिल के दौरे का खतरा बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं कि गुस्सा आपके स्वास्थ्य के लिए कैसे हानिकारक हो सकता है।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, गुस्से जैसी नकारात्मक भावनाएँ हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। अब सवाल यह है कि गुस्सा दिल को कैसे प्रभावित करता है? दरअसल, एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन रक्तचाप, हृदय गति और रक्त के थक्के को बढ़ाते हैं, जो कमजोर व्यक्तियों में दिल के दौरे का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, 2022 की एक समीक्षा में हज़ारों मरीज़ों पर किए गए अध्ययनों का विश्लेषण किया गया और पाया गया कि क्रोध और अवसाद न केवल हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं, बल्कि हृदय संबंधी बीमारियों के बाद रिकवरी को भी धीमा कर देते हैं।


क्रोध का स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्य पर क्रोध का प्रभाव

क्रोध न केवल आपके हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि यह आपके समग्र स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। आइए जानते हैं कि क्रोध स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है।

प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव

लगातार क्रोध करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण शरीर संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, क्रोध प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है और यह क्रोध के कारण पर निर्भर करता है।

पाचन तंत्र पर प्रभाव

तनाव हार्मोन आपके पाचन तंत्र को भी प्रभावित करते हैं, जिससे पेट दर्द, एसिड रिफ्लक्स या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम हो सकता है। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, क्रोध इरिटेबल बाउल सिंड्रोम में कोलन मोटर और मायोइलेक्ट्रिक गतिविधि को भी प्रभावित कर सकता है।

मांसपेशियाँ भी क्षतिग्रस्त होती हैं

क्रोध शरीर में अत्यधिक तनाव उत्पन्न कर सकता है। इससे सिरदर्द, पीठ दर्द और अन्य मस्कुलोस्केलेटल समस्याएँ हो सकती हैं। न्यूरोस्पाइन में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि मध्यम से गंभीर क्रोध वाले लोगों को पीठ और गर्दन में दर्द की समस्या होती है।

हृदय पर प्रभाव

क्रोध हृदय गति और रक्तचाप को बढ़ा सकता है, जिससे दीर्घकालिक हृदय संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। जब हम क्रोधित होते हैं, तो कैटेकोलामाइन नामक तनाव हार्मोन निकलते हैं, जिससे उच्च रक्तचाप और तेज़ दिल की धड़कन हो सकती है।