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गोरखपुर: नैनीताल की याद दिलाने वाला नया पर्यटन स्थल

गोरखपुर, जो पहले धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान के लिए जाना जाता था, अब पर्यटन के नक्शे पर उभर रहा है। रामगढ़ ताल और चिलुआताल जैसे नए पर्यटन स्थलों के साथ, यह शहर बोटिंग और झील के किनारे घूमने का एक बेहतरीन विकल्प प्रस्तुत करता है। योगी सरकार की पहल पर चिलुआताल को आधुनिक सुविधाओं से सजाया गया है, जिसमें बोटिंग की सुविधा भी शामिल है। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो महाराजगंज की सोहगीबरवा सैंक्चुअरी भी एक शानदार अनुभव प्रदान करती है।
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गोरखपुर: नैनीताल की याद दिलाने वाला नया पर्यटन स्थल

गोरखपुर का उभरता पर्यटन स्थल


यदि आप नैनीताल जैसी झीलों और बोटिंग का आनंद लेना चाहते हैं, लेकिन पहाड़ों तक जाना संभव नहीं है, तो पूर्वी उत्तर प्रदेश का गोरखपुर एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है। यह शहर, जो आमतौर पर धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है, अब धीरे-धीरे पर्यटन के नक्शे पर अपनी पहचान बना रहा है।


रामगढ़ ताल और चिलुआताल

गोरखपुर की झीलें और बोटिंग स्थल आपको पहाड़ी हिल स्टेशनों की याद दिला सकते हैं। नए साल के अवसर पर परिवार के साथ सुकून भरा समय बिताने के लिए गोरखपुर के ये पर्यटन स्थल आकर्षक साबित हो सकते हैं। रामगढ़ ताल पहले से ही लोगों के बीच लोकप्रिय है, जबकि चिलुआताल को एक नए पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।


योगी सरकार की पहल पर चिलुआताल को आधुनिक सुविधाओं से सजाया गया है। यहां 570 मीटर लंबा पाथवे बनाया गया है, जिससे लोग ताल के चारों ओर घूम सकें। इसके साथ ही, 70 मीटर तक घाट की सीढ़ियां बनाई गई हैं, ताकि लोग आसानी से झील के पास पहुंच सकें। ताल के किनारे रेलिंग, सोलर लाइट, बेंच, इंटरलॉकिंग सड़क, सीसी रोड और सुंदर लाइटिंग की व्यवस्था की गई है, जो शाम के समय इसे और भी आकर्षक बनाती है।


बोटिंग की नई सुविधा

चिलुआताल में बोटिंग की सुविधा भी शुरू की जा रही है, जिसका उद्घाटन नए साल के आसपास होने की उम्मीद है। हालांकि, अभी बोटिंग टिकट की कीमत तय नहीं की गई है, लेकिन सुबह और शाम यहां मॉर्निंग वॉक और सैर के लिए लोगों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। शांत पानी, ठंडी हवा और झील के किनारे बनी सड़कें यहां का माहौल बेहद सुकूनभरा बना देती हैं।


परिवार के लिए आदर्श स्थान

रामगढ़ ताल पहले से ही गोरखपुर का प्रमुख आकर्षण है। यहां परिवार के साथ पिकनिक मनाने, बोटिंग करने और झील के किनारे समय बिताने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। बच्चों के लिए पार्क, वॉकिंग ट्रैक और फूड जोन जैसी सुविधाएं इसे और खास बनाती हैं। शाम के वक्त यहां डूबते सूरज का नजारा बेहद मनमोहक होता है, जो नए साल के जश्न को यादगार बना सकता है।


प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव

यदि आप प्रकृति और वन्यजीवों के शौकीन हैं, तो गोरखपुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित महाराजगंज की सोहगीबरवा सैंक्चुअरी एक शानदार विकल्प है। घने जंगल, प्राकृतिक माहौल और जंगल सफारी का अनुभव बच्चों और बड़ों दोनों को पसंद आता है। यहां बाघ, तेंदुआ, हिरण जैसे कई जानवर देखने का मौका मिल सकता है। कुल मिलाकर, गोरखपुर अब केवल धार्मिक नगरी नहीं रह गया है, बल्कि घूमने और आनंद लेने के लिए एक उभरता हुआ पर्यटन केंद्र बनता जा रहा है।