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घर खरीदते समय इन 6 गलतियों से बचें, वरना पछताएंगे

घर खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय है, लेकिन कई लोग कुछ सामान्य गलतियों के कारण पछताते हैं। इस लेख में, हम उन 6 प्रमुख गलतियों के बारे में चर्चा करेंगे, जिन्हें घर खरीदते समय आपको टालना चाहिए। RERA के बावजूद, कुछ स्थितियों में आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। जानें कैसे एकतरफा शर्तों वाले एग्रीमेंट, नकद लेनदेन, और समय पर भुगतान न करने जैसी गलतियों से बचें। सही जानकारी और कानूनी सलाह के साथ, आप अपने सपनों का घर खरीदने में सफल हो सकते हैं।
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घर खरीदते समय इन 6 गलतियों से बचें, वरना पछताएंगे

घर खरीदने में सावधानी बरतें

आजकल घर खरीदना एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया है। होम लोन से लेकर रजिस्ट्री तक कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बिल्डर द्वारा अलॉटमेंट रद्द करना, प्रोजेक्ट में देरी, या वादों का न निभाना अब आम हो गया है।


इन समस्याओं से बचने के लिए सरकार ने RERA, यानी रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट 2016 लागू किया है। फिर भी, कुछ स्थितियों में RERA भी मदद नहीं कर पाता। इसलिए, घर खरीदते समय कुछ महत्वपूर्ण गलतियों से बचना आवश्यक है।


1. एकतरफा शर्तों वाले एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर

कई बार बिल्डर अपने लाभ के लिए एग्रीमेंट में ऐसे नियम शामिल करते हैं, जो उन्हें अलॉटमेंट रद्द करने या प्रोजेक्ट की डिज़ाइन में बदलाव करने का अधिकार देते हैं। इसलिए, बिना पढ़े किसी भी सर्टिफिकेट या एफिडेविट पर हस्ताक्षर न करें। RERA ऐसे दस्तावेजों को मान्यता देता है और इससे आपको कानूनी नुकसान हो सकता है।


2. बुकिंग के समय नकद लेनदेन

कुछ खरीदार स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए बुकिंग के समय नकद में भुगतान कर देते हैं। लेकिन जब रिफंड की बात आती है, तो ये लेनदेन कानूनी रूप से मान्य नहीं होते।


3. समय पर भुगतान न करना

यदि आप समय पर EMI का भुगतान नहीं करते हैं, तो बिल्डर आप पर देरी का आरोप लगा सकता है। अदालत के अनुसार, भुगतान में देरी करने वाला खरीदार मुआवजे का हकदार नहीं होता। इसलिए, खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करें कि भुगतान शेड्यूल आपके बजट में है।


4. बिना सोचे समझे पजेशन डेट स्वीकार करना

कई बार खरीदार मौखिक या लिखित रूप से पजेशन की नई तारीख स्वीकार कर लेते हैं। इससे आपके खिलाफ केस कमजोर हो सकता है, क्योंकि यह माना जाता है कि आपने देरी को स्वीकार कर लिया है। इसलिए, बिना कानूनी सलाह के कोई भी बदलाव न मानें।


5. शिकायत दर्ज करने में देरी

यदि आप RERA में शिकायत करने में देरी करते हैं, तो आपकी याचिका खारिज हो सकती है। इसलिए, जब भी बिल्डर वादे पूरे न करे, तुरंत शिकायत करें।


6. प्री-ईएमआई या रेंटल रिटर्न स्कीम पर भरोसा

कई प्रोजेक्ट्स में बिल्डर प्री-ईएमआई या रेंटल रिटर्न का वादा करते हैं, लेकिन RERA इन्हें कानूनी रूप से मान्यता नहीं देता। ये केवल निजी समझौते होते हैं, और यदि बिल्डर पैसे देने से मना कर दे, तो RERA आपकी मदद नहीं करेगा। घर खरीदते समय केवल बिल्डर के वादों पर भरोसा न करें। हर दस्तावेज को ध्यान से पढ़ें, नकद लेनदेन से बचें और कानूनी सलाह अवश्य लें।