Newzfatafatlogo

घर पर हरी मटर उगाने की सरल विधि: जानें कब और कैसे लगाएं बीज

क्या आप घर पर हरी मटर उगाना चाहते हैं? यह लेख आपको बताएगा कि कैसे, कब और कहाँ मटर के बीज बोएं। जानें सही समय, मिट्टी की विशेषताएँ और पौधों की देखभाल के आसान तरीके। मटर की खेती शहरी किचन गार्डन में तेजी से लोकप्रिय हो रही है, और यह कम जगह में भी संभव है। पढ़ें और अपने घर में ताजगी लाएं!
 | 
घर पर हरी मटर उगाने की सरल विधि: जानें कब और कैसे लगाएं बीज

घर पर मटर उगाना है आसान


हरी मटर का महत्व
मटर का उपयोग न केवल सब्जियों में होता है, बल्कि यह पुलाव और अन्य व्यंजनों में भी स्वाद बढ़ाती है। इसे घर पर उगाना बहुत सरल है। आप इसे बालकनी, छत या आंगन में उगा सकते हैं, जहां थोड़ी धूप मिलती हो। शहरी किचन गार्डन में मटर की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है, क्योंकि यह कम स्थान, समय और लागत में उगाई जा सकती है।


उगाने का सही समय

हरी मटर ठंडी जलवायु की फसल है, और इसका सही समय सितंबर से दिसंबर तक होता है। इस अवधि में तापमान और नमी का संतुलन बीजों के अंकुरण के लिए अनुकूल होता है। यदि आप इस समय बीज बोते हैं, तो पौधे स्वस्थ तरीके से बढ़ते हैं और फसल जल्दी तैयार होती है।


कहाँ और कैसे उगाएं

मटर को उगाने के लिए किसी बड़े खेत की आवश्यकता नहीं है। आप इसे घर पर किसी भी कंटेनर में उगा सकते हैं, जैसे बड़े गमले, पुरानी बाल्टियां, ग्रो बैग्स, या प्लास्टिक के डिब्बे। सुनिश्चित करें कि बर्तन में नीचे पानी के निकास के लिए छेद हो और इसे ऐसी जगह रखें जहां कम से कम 4-6 घंटे की सीधी धूप आती हो।


मिट्टी की विशेषताएँ

मटर को हल्की, भुरभुरी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी पसंद है। आप गार्डन की मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाकर उपजाऊ माध्यम तैयार कर सकते हैं। मिट्टी भरने से पहले नीचे थोड़ी रेत या टूटे हुए ईंट के टुकड़े डालें ताकि पानी आसानी से निकल सके।


बीज बोने और देखभाल

बीज बोने से पहले उन्हें 6-8 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। इससे बीज जल्दी अंकुरित होते हैं। फिर इन्हें 1 से 2 इंच गहराई में मिट्टी में बोएं, और बीजों के बीच 2-3 इंच की दूरी रखें। पानी अधिक न दें, लेकिन मिट्टी को नम बनाए रखें।


जैसे-जैसे पौधा बढ़ता है, उसे सहारे की आवश्यकता होती है। आप बांस की छड़, लकड़ी की सीढ़ी या रस्सी का सहारा देकर बेल को ऊपर चढ़ा सकते हैं। इससे पौधे को हवा और धूप बेहतर तरीके से मिलती है, जिससे फलियों की गुणवत्ता में सुधार होता है।


फसल की तैयारी

बीज बोने के लगभग 60 से 80 दिन बाद मटर की फलियां पककर तैयार हो जाती हैं। जब फली गहरे हरे रंग की और मोटी दिखने लगे, तब यह तोड़ने के लिए तैयार है। हर दो-तीन दिन में फलियां तोड़ते रहें, इससे पौधा अधिक समय तक फलियां देता रहेगा। ध्यान रखें कि मटर के पौधों में जरूरत से ज्यादा खाद न डालें, क्योंकि इससे पत्तियां तो बढ़ेंगी, लेकिन फलियां कम बनेंगी।