घरेलू सौंदर्य नुस्खे: दादी-नानी के समय की खूबसूरती के राज
इस लेख में हम दादी-नानी के समय के घरेलू सौंदर्य नुस्खों पर चर्चा करेंगे। जानें कैसे वे प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग करके अपनी खूबसूरती को बनाए रखती थीं। काजल बनाने की विधि से लेकर बालों की देखभाल के उपायों तक, ये नुस्खे आज भी प्रासंगिक हैं। जानें इन सरल और प्रभावी तरीकों के बारे में!
Oct 8, 2025, 18:47 IST
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प्राकृतिक सौंदर्य के उपाय
सूचना स्रोत:- पुराने समय में, हमारी दादी-नानी शायद ही कभी बाजार से खरीदे गए सौंदर्य उत्पादों का उपयोग करती थीं। वे अधिकतर घरेलू चीजों पर निर्भर रहती थीं। उदाहरण के लिए, काजल का उपयोग। आजकल, हम महंगे ब्रांडेड आईलाइनर या ऑर्गेनिक काजल खरीदते हैं, जबकि हमारी दादी इसे घर पर आसानी से बना लेती थीं। बालों की सफाई के लिए भी वे प्राकृतिक तरीकों का सहारा लेती थीं। नियमित रूप से तेल लगाना और मिट्टी से बाल धोना उनके लिए सामान्य था। चेहरे की देखभाल के लिए वे रसोई में उपलब्ध उत्पादों का इस्तेमाल करती थीं, जैसे दूध, टमाटर और नींबू। त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए दूध की मलाई का उपयोग किया जाता था। किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जाता था। उस समय के अधिकांश सौंदर्य उत्पाद केमिकल फ्री होते थे।
काजल बनाने की विधि भी बहुत सरल थी। दीये में घी और कपड़े की बत्ती डालकर जलाया जाता था, फिर पीतल का एक छोटा बर्तन उसके ऊपर रखकर रात भर छोड़ दिया जाता था। इस काजल को घी के साथ मिलाकर महिलाएं अपनी आंखों में लगाती थीं। इससे उनकी खूबसूरती तो बढ़ती ही थी, साथ ही यह भी माना जाता था कि इससे आंखों की रोशनी में सुधार होता है। चेहरे के साथ-साथ बालों को भी सौंदर्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता था।
आजकल, बालों को सुंदर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के शैंपू, कंडीशनर और पैक्स का उपयोग किया जाता है। लेकिन पुराने समय में, बालों के लिए ज्यादातर नारियल तेल, सरसों का तेल और आंवले का तेल इस्तेमाल किया जाता था। हफ्ते में कम से कम तीन बार नारियल के तेल में कभी मेथी के दाने या कभी एलोवेरा मिलाकर सिर की मालिश की जाती थी। फिर बालों को रीठा, शिकाकाई या मुल्तानी मिट्टी से धोया जाता था। गुड़हल के फूल को पीसकर पेस्ट बनाकर सिर पर लगाने से बाल तेजी से बढ़ते थे।