छछरौली में खैर की लकड़ी की तस्करी: लक्जरी कार में भरी लकड़ी, तस्कर भागे

खैर की लकड़ी की तस्करी का मामला
छछरौली में खैर की लकड़ी की तस्करी: लक्जरी कार में भरी लकड़ी, तस्कर भागे: छछरौली में खैर की लकड़ी की तस्करी ने वन विभाग को सतर्क कर दिया है। प्रतापनगर के छछरौली क्षेत्र में तस्करों ने पंचायती भूमि से तीन खैर के पेड़ काटे।
तस्कर लकड़ी को एक लग्जरी वरना कार में भरकर बेचने की योजना बना रहे थे। जैसे ही वन रक्षक ने उन्हें देखा, तस्कर भाग खड़े हुए। वन विभाग ने कार को जब्त कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। यह घटना पर्यावरण और स्थानीय समुदाय के लिए चिंता का विषय बन गई है।
तस्करों की नई रणनीति
तस्करों का दुस्साहस: छछरौली क्षेत्र में तस्करी के तरीके में बदलाव आया है। अब तस्कर लक्जरी वाहनों का उपयोग कर रहे हैं। पंचायती भूमि से खैर के तीन पेड़ काटे गए थे।
तस्कर इन पेड़ों को वरना कार में भरकर नाहर-ताहरपुर की दिशा में ले जा रहे थे। खैर की लकड़ी की कीमत अधिक होती है और इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है। तस्कर इसे बेचकर बड़ा मुनाफा कमाना चाहते थे, लेकिन वन विभाग की सतर्कता ने उनके इरादों पर पानी फेर दिया।
वन रक्षक की साहसिक कार्रवाई
वन रक्षक की साहसिक कार्रवाई: वन रक्षक सुरेंद्र रात के समय छछरौली जंगल में गश्त कर रहे थे। उन्होंने एक संदिग्ध कार और बाइक देखी। कार नाहर-ताहरपुर की ओर बढ़ रही थी।
सुरेंद्र ने शक होने पर कार के पास जाकर देखा। तस्कर उन्हें देखकर घबरा गए और कार छोड़कर बाइक पर भाग निकले। कार में खैर की लकड़ी भरी हुई थी। सुरेंद्र ने तुरंत कार को अपने कब्जे में ले लिया और इसे वन कार्यालय छछरौली में सीज कर दिया।
वन विभाग और पंचायत की कार्रवाई
वन विभाग और पंचायत का कदम: वन विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। खैर के पेड़ पंचायती भूमि से काटे गए थे, इसकी सूचना बीडीपीओ छछरौली और पंचायत को दी गई।
सरपंच प्रतिनिधि संजीव सैनी ने बताया कि जांच की जाएगी कि पेड़ पंचायती भूमि से काटे गए थे या वन विभाग के जंगल से। यदि पंचायत के पेड़ काटे गए, तो सख्त कदम उठाए जाएंगे। छछरौली में खैर की तस्करी को रोकने के लिए वन विभाग सतर्क है।
जांच और भविष्य की दिशा
जांच और भविष्य की राह: वन विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया है। कार को सीज कर दिया गया है और जांच शुरू हो गई है। सोमवार को मौके का निरीक्षण किया जाएगा। पंचायत और बीडीपीओ छछरौली मिलकर कार्रवाई करेंगे।
खैर के पेड़ों की कटाई पर्यावरण के लिए हानिकारक है और यह स्थानीय समुदाय के लिए भी चिंता का विषय है। छछरौली में खैर की तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। लोगों को भी सतर्क रहना चाहिए और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देनी चाहिए।